ईरान में 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में 22 साल की महसा अमीनी की मौत के बाद से देश में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. महसा को हिजाब नियमों का सही तरीके से पालन नहीं करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. लेकिन पुलिस हिरासत में उसकी मौत ने ईरान के विरोध में एक नए आंदोलन को जन्म दिया. ईरान सरकार पर महसा अमीनी की हत्या के आरोप लगाए जा रहे हैं. ऐसे में ईरान सरकार के एक मंत्री ने महसा की मौत पर बयान दिया है.
भारत दौरे पर आए ईरान के उपविदेश मंत्री अली बाघेरी ने कहा है कि महसा अमीनी की हत्या नहीं हुई थी. उन्होंने इस मामले में अपनी सरकार का बचाव करते हुए कहा कि महसा की मौत हुई थी.
पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया
बाघेरी ने ईरान में हो रहे इन विरोध प्रदर्शनों को लेकर पश्चिमी देशों को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने महसा अमीनी की मौत को लेकर ईरान पर मनगढंत आरोप लगाने और ईरान के विरोध में माहौल तैयार करने के लिए पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया.
उन्होंने कहा, महसा अमीनी की हत्या नहीं हुई थी. उसकी मौत हो गई थी. हमने ईरान में हो रहे प्रदर्शनों को लेकर कुछ पश्चिमी मीडिया द्वारा तैयार किया गया माहौल देखा है. यह आधारहीन और भ्रामक है. हम देख रहे हैं कि किस तरह ये पश्चिमी ताकतें ईरान के अधिकारों का हनन कर रही है.
उन्होंने कहा, पश्चिमी देश अफगानिस्तान, फिलीस्तीन या यमन के लोगों के बारे में बात नहीं करते. वे वहां के हालातों की निंदा नहीं करते.
बता दें कि हिजाब के विरोध में ईरान में शुरू हुई प्रदर्शन की यह आग दुनियाभर के कई देशों तक फैली और लोग हिजाब के विरोध में खुलकर सामने आए. महसा अमीनी को इस आंदोलन की बयार माना गया और पुलिस हिरासत में उसकी हत्या के खिलाफ ईरान की वैश्विक मंच पर निंदा हुई.
मालूम हो कि अमीनी की 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. पुलिस ने उसे 13 सितंबर को गिरफ्तार किया था. आरोप था कि तेहरान में अमीनी ने सही तरीके से हिजाब नहीं पहना था जबकि ईरान में हिजाब पहनना जरूरी है. अमीनी को गिरफ्तार कर पुलिस स्टेशन ले जाया गया. वहां तबीयत बिगड़ी तो अमीनी को अस्पताल ले जाया गया. तीन दिन बाद खबर आई कि उनकी मौत हो गई.