कैथोलिक देश आयरलैंड में भारतीय डेंटिस्ट सविता हलप्पनवार की मौत पर एक रिपोर्ट जल्द ही प्रकाशित होने वाली है, जिसमें गर्भपात के कानूनों पर अहम सिफारिश किए जाने की उम्मीद है.
आयरलैंड के स्वास्थ्य सेवा कार्यकारिणी (एचएसई) द्वारा नियुक्त एक समीक्षा समूह की इस रिपोर्ट में ‘सेप्सिस सहित जटिल प्रसूति आपात स्थिति के बारे में भी सिफारिश किए जाने की उम्मीद है. ‘सेप्सिस’ (रक्त में जहर फैलना) के चलते पिछले साल अक्तूबर में गालवे अस्पताल में सविता की मौत हो गई थी.
आयरिश सरकार के एक प्रवक्ता ने कैबिनेट की एक बैठक के बाद बताया, ‘सविता हलप्पनवार की रिपोर्ट पर संक्षिप्त चर्चा हुई है. हफ्ते के समाप्त होने से पहले इसका प्रकाशन होना है. बैठक की अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री जेम्स रेली ने की.
यूनिवर्सल हॉस्पिटल गालवे में सविता की अपनी गर्भावस्था के 17वें हफ्ते में खून में जहर फैलने से मौत हो गई थी. दरअसल, आयरलैंड के एक कैथोलिक देश होने के चलते उनकी जान बचाने के लिए गर्भपात करने से इनकार कर दिया गया था. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यदि गर्भपात कर दिया जाता तो 31 वर्षीय सविता बच सकती थी. उनकी मौत की तहकीकात पर सुनवाई 19 अप्रैल को पूरी हुई और डॉक्टरी लापरवाही के चलते उनकी मौत होने का निष्कर्ष निकला था.
स्थानीय मीडिया की खबरों के मुताबिक रिपोर्ट में सविता के पति प्रवीण से मिली सूचना भी मौजूद रहेगी. प्रवीण के वकील ओ डोनेल ने बताया कि वह इस बात को सुनकर चकित हैं कि कुछ ही दिनों में प्रकाशित होने वाली है. उनके मुवक्किल ने अभी तक आखिरी दस्तावेज नहीं देखा है. प्रवीण ने रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने से पहले स्वास्थ मंत्री के साथ एक बैठक कराने की मांग की है.