अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने हाल में अपनी एक किताब लॉन्च की है. पॉम्पियो ने अपनी किताब 'Never Give an Inch: Fighting for the America I Love' में कई विस्फोटक दावे किए हैं.
इस किताब में पॉम्पियो ने भारत के विदेश मंत्रियों के साथ अपने संबंधों के बारे में भी लिखा है. पॉम्पियो ने भारत की दिवंगत पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को लेकर कई विवादित टिप्पणियां की हैं.
सुषमा स्वराज को लेकर पॉम्पियो की अपमानजनक टिप्पणी पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि वह पॉम्पियो की किताब में सुषमा स्वराज के लिए इस्तेमाल किए गए अपमानजनक शब्दों की कड़ी निंदा करते हैं.
वहीं, पाकिस्तान के पूर्व डिप्लोमेट अब्दुल बासित ने भी पॉम्पियो को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा, 'कुछ लोग किताब बेचने के लिए कुछ भी लिख देते हैं. सुषमा स्वराज के लिए माइक पॉम्पियो की इस्तेमाल की गई भाषा की मैं कड़ी निंदा करता हूं. इस बयान से उन्होंने दिखाया कि उनका दर्जा क्या है."
इस किस्म के लोग झूठ का सहारा लेते हैंः अब्दुल बासित
पाकिस्तान के पूर्व डिप्लोमेट अब्दुल बासित ने अपने यूट्यूब चैनल पर दिए बयान में कहा कि पॉम्पियो की किताब में लिखी बात पर यकीन करना मुश्किल है. चूंकि एक लेखक का मकसद यह होता है कि किताब बिके. इसलिए इस किस्म के लोग झूठ का सहारा लेते हैं. पॉम्पियो ने जो बात लिखी है, उसका हकीकत से दूर-दूर तक वास्ता नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि जो लफ्ज पॉम्पियो ने सुषमा स्वराज के लिए इस्तेमाल किए हैं, वो सही नहीं हैं. माइक पॉम्पियो एक बड़े पॉजिशन पर रहे हैं, उनको यह शोभा नहीं देता कि वो किसी दिवंगत के लिए इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करे.
माइक पॉम्पियो ने जो शब्द सुषमा स्वराज के लिए इस्तेमाल किए हैं, उनका मैं जिक्र भी नहीं करना चाहता. लेकिन पॉम्पियो ने दिखाया है कि उनका दर्जा क्या है. उन्होंने अपना रिफ्लेक्शन दिखाया है.
बासित ने जयशंकर की तारीफ की
पॉम्पियो के बयान पर जयशंकर के जवाब पर बासित ने कहा कि मुझे खुशी है कि जयशंकर ने उसका मुनासिब जवाब दिया है और देना भी चाहिए था. सुषमा स्वराज एक जबरदस्त और बड़ी मुखर नेता थीं. 2015 में पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री सरताज अजीज के दौरा रद्द होने के बाद सुषमा स्वराज ने दबंग किस्म की प्रेस कॉन्फ्रेंस थी.
अब्दुल बासित ने कहा, एक व्यक्ति को यह शोभा नहीं देता कि एक बड़े पॉजिशन पर पहुंचने के बाद जिन लोगों से मुलाकातें हुई हैं. उनको इन अल्फाजों से नवाजें. मैं भी इस बयान की कड़ी निंदा करता हूं.
क्या है माइक पॉम्पियो की किताब में
माइक पॉम्पियो ने अपनी किताब में लिखा है, "भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कभी भी महत्वपूर्ण राजनीतिक प्लेयर नहीं थीं. सुषमा स्वराज से बेहतर मैंने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ मिलकर काम किया." पॉम्पियो ने सुषमा स्वराज के लिए 'गूफबॉल' (कम इंटेलिजेंट) शब्द का इस्तेमाल किया है.
पॉम्पियो ने अपनी किताब में बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर भी विस्फोटक दावे किए हैं. पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने दावा किया है कि साल 2019 में बालाकोट में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान परमाणु युद्ध के करीब आ गए थे. यह जानकारी हमें भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ही दी थी.
पाकिस्तान के पूर्व डिप्लोमेट अब्दुल बासित ने इसे भी मनगढ़ंत कहानी बताया है. अब्दुल बासित का कहना है, "मेरी समझ से पाकिस्तान ने उस वक्त ऐसी कोई धमकी नहीं दी थी कि हम न्यूक्लियर बम इस्तेमाल करने जा रहे हैं."
जयशंकर ने दी थी कड़ी प्रतिक्रिया
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सुषमा स्वराज को लेकर पॉम्पियो की टिप्पणी को अपमानजनक बताया था. जयशंकर ने कहा था, "मैंने सुषमा स्वराज का हमेशा सम्मान किया है. सुषमा स्वराज के साथ मेरे असाधारण रूप से घनिष्ठ और मधुर संबंध थे. पॉम्पियो की किताब में सुषमा स्वराज के लिए इस्तेमाल की गई अपमानजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा करता हूं."