ब्रिटिश पीएम कीर स्टॉर्मर ने यूनाइटेड किंगडम में कानून तोड़ने वाले प्रवासियों को वार्निंग दी है और कहा है कि अब उनके साथ सख्ती से पेश आया जाएगा. उन्होंने कहा कि विदेशी अपराधी बहुत लंबे समय से हमारी इमिग्रेशन पॉलिसी का फायदा उठाते रहे हैं, वे अपराध करके महीनों या सालों तक ब्रिटेन में रहते हैं, जबकि उनकी अपीलें लटकी रहती हैं.
कीर स्टॉर्मर ने कहा कि अब हम ये सब खत्म कर रहे हैं. अगर विदेशी नागरिक कानून तोड़ते हैं तो उन्हें जल्द से जल्द वापस भेज दिया जाएगा.
गौरतलब है कि ब्रिटेन सरकार ने ब्रिटेन में बढ़ते इमिग्रेशन को कंट्रोल करने के लिए "Deport Now Appeal Later" पॉलिसी का विस्तार किया है. ब्रिटिश सरकार ने इस पॉलिसी में भारत सहित 15 नए देशों को शामिल किया गया है. इस योजना के तहत विदेशी अपराधियों को उनकी सजा पूरी होने से पहले ही उनके मूल देश में निर्वासित कर दिया जाएगा.
रविवार को यूके गृह विभाग ने घोषणा की कि इस योजना के दायरे को आठ देशों से बढ़ाकर 23 देशों तक किया गया है. नई सूची में भारत के साथ-साथ अंगोला, ऑस्ट्रेलिया, बोत्सवाना, ब्रुनेई, बुल्गारिया, कनाडा, गुयाना, इंडोनेशिया, केन्या, लातविया, लेबनान, मलेशिया, युगांडा और जाम्बिया शामिल हैं.
पहले से सूची में शामिल देशों में फिनलैंड, नाइजीरिया, एस्टोनिया, अल्बानिया, बेलीज, मॉरीशस, तंजानिया और कोसोवो थे.
गृह विभाग के अनुसार इस योजना का उद्देश्य विदेशी अपराधियों को अपील प्रक्रिया के दौरान लंबे समय तक यूके में रहने से रोकना है. ब्रिटेन के होम डिपार्टमेंट के अनुसार कई विदेशी अपराधी इस सिस्टम की खामी का फायदा उठाते थे. इससे ब्रिटिश करदाताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है.
गृह सचिव यवेटे कूपर ने कहा, "विदेशी अपराधी लंबे समय से हमारे आव्रजन तंत्र का दुरुपयोग कर रहे हैं. अब यह खत्म होगा. हम यह स्पष्ट संदेश दे रहे हैं कि हमारे कानूनों का सम्मान और पालन किया जाना चाहिए." विदेश सचिव डेविड लैमी ने कहा कि सरकार अन्य देशों के साथ इस योजना में शामिल होने के लिए बातचीत कर रही है ताकि ऐसे अपराधियों को निकालने की प्रक्रिया को और तेज किया जा सके.
आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2024 से जब से लेबर सरकार सत्ता में आई है 5200 विदेशी नागरिकों को ब्रिटेन से बाहर निकाला गया है. ये पिछले वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक है. इसके अलावा सरकार ने बॉर्डर सुरक्षा, आश्रय और इमिग्रेशन बिल के तहत नई शक्तियां पेश की हैं, इसके तहत यौन अपराध करने वाले शरणार्थियों से शरण का अधिकार छीना जा सकता है.
ब्रिटेन के न्याय मंत्रालय ने घोषणा की है कि अब अधिकांश विदेशी कैदी अपनी सजा का केवल 30 प्रतिशत हिस्सा पूरा करने के बाद निर्वासित किए जा सकते हैं, ये पहले 50 प्रतिशत था. यह नियम आतंकवादियों, हत्यारों और आजीवन कारावास की सजा पाने वालों पर लागू नहीं होगा.
न्याय सचिव शबाना महमूद ने कहा, "हमारा संदेश साफ है, यदि आप हमारे आतिथ्य का दुरुपयोग करते हैं और कानून तोड़ते हैं, तो आपको वापस भेज दिया जाएगा." ब्रिटेन के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार विदेशी अपराधी जेल की आबादी का लगभग 12 प्रतिशत हिस्सा है और प्रत्येक कैदी की औसत लागत 54,000 पाउंड प्रति वर्ष है.