गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर से व्हाइट हाउस में मुलाकात की. ओवल ऑफिस में शहबाज-मुनीर से मुलाकात से पहले ट्रंप ने दोनों की खूब तारीफ की और मुनीर को बेहद ही 'शानदार इंसान' बताया. पाकिस्तानी आर्मी चीफ से ट्रंप की यह दूसरी मुलाकात है.
इससे पहले ट्रंप 18 जून 2025 को मुनीर से मिले थे और दोनों ने साथ में लंच किया था. पाकिस्तान को लेकर ट्रंप के इस यू-टर्न की काफी चर्चा है. कई देशों में राजदूत रह चुके भारत के पूर्व राजनयिक अजय बिसारिया ने इस मुलाकात पर कहा कि ये वही ट्रंप हैं जो अपने पहले कार्यकाल में पाकिस्तान पर धोखा देने और झूठ बोलने का आरोप लगा रहे थे.
पाकिस्तान, कनाडा पोलैंड और लिथुआनिया में भारत के उच्चायुक्त रहे अजय बिसारिया ने कहा कि ट्रंप पहले कार्यकाल में जहां पाकिस्तान पर धोखा देने और झूठ बोलने का आरोप लगा रहे थे अब वही, आसिम मुनीर को बेहतरीन इंसान बता रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'आसिम मुनीर फिर से व्हाइट हाउस में हैं, पहले टर्म में ट्रंप ने कहा कि हमने पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर दिया और पाकिस्तान ने हमसे झूठ बोला, धोखा दिया. लेकिन अब वही ट्रंप मुनीर को बेहतरीन इंसान बता रहे हैं.'
पूर्व उच्चायुक्त का कहना है कि अभी के ट्रंप पुराने वाले ट्रंप यानी पहले कार्यकाल वाले ट्रंप से बिल्कुल अलग हैं और पाकिस्तान के साथ दोस्ती उनके उसी बदलाव का हिस्सा है.
वो कहते हैं, 'पाकिस्तान के लिए उसकी विदेश नीति अब प्रासंगिक बने रहने की है- अमेरिका, चीन और सऊदी अरब के जरिए. और अब वो चीन, सऊदी की तरह अमेरिका को भी अपने खेमे में करने में सफल रहा है. अमेरिका ने पाकिस्तान को बड़ा निवेश पैकेज ऑफर भी किया है. इसके लिए मुनीर ने ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट करके उन्हें मीठी गोली भी दे दी है.'
अजय बिसारिया कहते हैं कि हालांकि, चीन और अमेरिका को एक साथ अपने जाल में फंसाने की पाकिस्तान की चाल ज्यादा समय तक काम नहीं करेगा.
वो कहते हैं, 'पाकिस्तान का पहला गॉडफादर चीन है. वो अब अमेरिका और सऊदी के साथ भी गेम खेल रहा है और यह नया नहीं है. लेकिन इसका नतीजा अच्छा नहीं होगा. पाकिस्तान ज्यादा समय तक बैलेंस नहीं कर पाएगा अमेरिका-चीन के हितों के बीच. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमने देखा और सबने समझ भी लिया कि चीन ही पाकिस्तान का प्राइमरी दोस्त है अमेरिका नहीं.'
फ्रांस, मोनाको में भारत के पूर्व राजदूत अमेरिका और पाकिस्तान के बढ़ते रिश्तों पर बोलते हुए जावेद अशरफ ने कहा कि अभी जो शहबाज-मुनीर कर रहे हैं, वो नया नहीं है बल्कि पाकिस्तान दशकों से अमेरिका को अपने जाल में फंसाता आया है.
वो कहते हैं, 'पाकिस्तान और अमेरिका की सांठगांठ नई नहीं है. दोनों देश दुनिया में इस्लामिक कट्टरपंथ के जन्मदाता हैं. पाकिस्तान जैसे अभी ट्रंप को अपने जाल में फंसा रहा, बुश,ओबामा प्रशासन के साथ भी उसने ऐसा ही किया था. अमेरिका भी पाकिस्तान को चीन से दूर करना चाहता है.'