
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच बीते 20 महीने के अधिक समय से जंग जारी है. हमास के लड़ाकों ने इजरायल की सीमा में प्रवेश कर कई इजरायली सैनिकों को मारा और कई को बंधक बना लिया. जिसके बाद इजरायली सेना ने पलटवार किया और फिलिस्तीन को पूरी तरह से तबाह कर दिया.
गाजा में काम करने वाले संगठनों का कहना है कि अब वह भूख के दिनों को दिनों में नहीं. बल्कि घंटों में नापते हैं. माता-पिता भूखे बच्चों को लेकर दरबदर भटक रहे हैं. अब एक नई चेतावनी जारी की गई है. जिसके अनुसार, अगर खाद्य और चिकित्सा सहायता तुरंत नहीं मिली तो 48 घंटे में 14 हजार बच्चों की जान जा सकती है.
जैसे-जैसे फिलिस्तीन में भूखमरी गहरा रही है, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में हमले में तेज कर दिए हैं. ताकि नियंत्रण लिया जा सके.
इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध में मौतों का अनुपात भयावह है. एसीएलईडी (सशस्त्र संघर्ष स्थान और घटना डेटा) के अनुसार, अक्टूबर 7, 2023 से अब तक 57,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जबकि 1726 इजरायली नागरिकों की जान गई है. यह 33:1 का अनुपात है. यानी हर एक इजरायली पर 33 फिलिस्तानी मारे गए.
मौतों का अनुपात दर्शाता है कि ये युद्ध कितना भयावह है. गाजा की आबादी लगभग 23 लाख है, जिसमें से हर पांचवां व्यक्ति गंभीर भुखमरी का सामना कर रहा है. बच्चे सिर्फ इजरायल के हमलों से नहीं, बल्कि भुखमरी से भी मर रहे हैं.
एसीएलईडी विशेष तौर से हवाई हमले, छापे, गोलीबारी और विस्फोट से जुड़े मौतों को ट्रैक करता है. हालांकि, गाजा में विनाश का पैमाना बहुत बड़ा है. जहां तक पहुंच आसान नहीं है. कई मौतें विशिष्ट घटनाओं से जुड़ी नहीं हैं. इसे संबंधित करन के लिए, एसीएलईडी ने फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय से मौत की गणना को अपने डेटाबेस में जोड़ा, जो कि आसामन्य अभ्यास है.
यह युद्ध अब केवल क्षेत्रीय कब्जे या रीटेलियेशन नहीं रहा, बल्कि अस्तित्व की लड़ाई बन गया है. संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवीय संस्थाओं के अनुसार, अक्टूबर 2023 के बाद अब से 28 हजार से अधिक महिलाओं की मौत हो चुकी है. हर घंटे औसतन एक महिला/लड़की ने इजरायली हमले में जान गंवाई है.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाज़ा स्ट्रिप पर पूरी तरह से नियंत्रण का आश्वासन दिया है. वहीं, ताहिर अल-नोनो, हमास नेतृत्व के मीडिया सलाहकार कहना है कि युद्ध की समाप्ति होनी चाहिए. बंदियों का आदान-प्रदान होना चाहिए और मानवीय सहायता गाजा में पहुंचनी चाहिए.