सऊदी अरब ने बुधवार को कोरोना वायरस की आशंका के चलते इस्लाम के पवित्र शहरों में साल भर चलने वाले "उमरा" तीर्थ यात्रा को स्थगित कर दिया है. इस फैसले से वार्षिक हज यात्रा पर भी अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं. सऊदी ने कहा कि चूंकि उमरा में लाखों लोग यहां आते हैं, जिसे देखते हुए इसे स्थगित करने का फैसला बड़ा असर डालेगा.
सऊदी प्रेस एजेंसी ने गृह मंत्रालय के हवाले से कहा, 'खाड़ी देश ने अपने यात्रियों और नागरिकों के लिए अस्थायी तौर पर उमरा स्थगित करने का फैसला किया है.’
विदेश मंत्रालय के एक ट्वीट के मुताबिक मदीना में पैगंबर मोहम्मद की मस्जिद में भी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है. पूरे मध्य पूर्व में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पिछले हफ्ते उमरा के लिए जारी वीजा भी रद्द कर दिए गए. इसी के साथ मक्का और मदीना में 6 खाड़ी देशों के लोगों के आने पर रोक लगा दी गई.
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बता दें, सऊदी अरब ने सोमवार को अपने एक नागरिक में कोरोनो वायरस के पहले मामले की पुष्टि की. यह नागरिक ईरान से लौटा है जहां कोविड-19 बीमारी ने कोहराम मचा रखा है. वहां अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है. उमरा में लोग मक्का जाते हैं और वहां नमाज पढ़ सकते हैं. हालांकि साल में यह कभी भी हो सकता है. उमरा के दौरान पूरी दुनिया से लाखों लोग मक्का पहुंचते हैं. इस दौरान लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण न फैले, इसे देखते हुए उमरा को स्थगित कर दिया गया है.
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इससे पहले अभी हाल में सऊदी अरब ने घातक कोरोना वायरस के खिलाफ एहतियाती कदम उठाते हुए मक्का और मदीना के पवित्र स्थलों में खाड़ी देशों के नागरिकों के प्रवेश पर अस्थायी रूप से रोक लगाने की घोषणा की थी.
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक सऊदी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि अस्थायी प्रतिबंध के अंतर्गत खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के नागरिक नहीं आते हैं जो लगातार 14 दिनों से सऊदी में हैं और उनमें कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण नहीं दिखाई दिए हैं और उमरा करने या पैगंबर की मस्जिद का दौरा करने की इच्छा रखते हैं. ऐसे जीसीसी नागरिक परमिट पाने के लिए हज मंत्रालय और उमरा की वेबसाइट के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं.