scorecardresearch
 

सही रास्ते पर आया चीन, पूरे जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश को माना भारत का हिस्सा

चीन ने अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर को लेकर एक हैरान कर देने वाला काम किया है. आमतौर पर अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा मानने वाले चीन ने अपने एक नक्शे में पूरे जम्मू और कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा दिखाया है

Advertisement
X
पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग (फाइल फोटो)
पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग (फाइल फोटो)

आमतौर पर अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा मानने वाले चीन ने अपने एक नक्शे में पूरे जम्मू और कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा दिखाया है. बीजिंग में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के दूसरे समिट में चीन नक्शा प्रदर्शित कर रहा था. इसी में चीन ने पूरे जम्मू और कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा दिखाया है.

इस नक्शे में भारत को भी BRI का हिस्सा दिखाया गया है. बता दें कि भारत ने इस समिट का बहिष्कार किया है. इससे पहले 2017 में BRI के पहले समिट में भी भारत शामिल नहीं हुआ था. इस समिट में 37 देश शामिल हो रहे हैं. बीआरआई का मकसद राजमार्गों, रेल लाइनों, बंदरगाहों और सी-लेन के नेटवर्क के माध्यम से एशिया, अफ्रीका और यूरोप को जोड़ने का लक्ष्य है. तीन दिन तक चलने वाले इस समिट की शुरुआत गुरुवार को हुई. ये नक्शा चीन की कॉमर्स मिनिस्ट्री ने पेश किया.

Advertisement

map_042619083324.jpg

पूरे जम्मू और कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत में शामिल करना चीन का ये कदम हैरान कर देने वाला है, क्योंकि हाल ही में चीन ने ऐसे हजारों नक्शे नष्ट किए थे जिनमें अरुणाचल प्रदेश को भारत के राज्य के तौर पर दिखाया जाता रहा है.

चीन के इस कदम से जानकार भी हैरान हैं. भारत-चीन मामलों के जानकार अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि पूरे कश्मीर को भारत का हिस्सा दिखाना भारत को खुश करने के लिए चीन की चाल तो नहीं है. बता दें कि पिछले साल नवंबर में चीन के सरकारी चैनल CGTN ने पाकिस्तान के नक्शे से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को अलग दिखाया था.

map23_042619083430.jpg

पाक अधिकृत कश्मीर को पाकिस्तान के नक्शे से बाहर करने का असर चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर पर भी पड़ सकता है. भारत इस प्रोजेक्ट के पीओके से गुजरने का विरोध कर चुका है. चीन ने पीओके में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में भारी निवेश किया है. इसे लेकर भारत अपनी नाराजगी जता चुका है. चीन की ओर से कुछ साल पहले जम्मू और कश्मीर के निवासियों को स्टैपल वीजा जारी करने के कारण भी दोनों देशों के बीच संबंध खराब हुए थे. इतना ही चीन ने हुर्रियत नेताओं की भी मेजबानी की थी. भारत ने इसका कड़ा विरोध किया था.

Advertisement

पाकिस्तान का समर्थन करते आया है चीन

चीन अपने हित साधने के लिए लगातार खुलकर पाकिस्तान का समर्थन करते आया है. मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने को लेकर भी वह अड़ंगा लगाता आया है. UNSC में मसूद अजहर को बचाने वाला चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा रहता है. वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भी साफ कर चुका है कि वह संकट के समय पूरी तरह अपने इस दोस्त की मदद करेगा.

Advertisement
Advertisement