बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित एक विशेष अदालत ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना, उनकी बहन शेख रेहाना, ब्रिटिश सांसद व भतीजी तुलीप रिजवाना सिद्दीकी और 50 अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में वारंट जारी किया. इनपर राजनीतिक प्रभाव का दुरुपयोग कर जमीन हड़पने के आरोप हैं.
क्या है पूरा मामला?
ढाका मेट्रोपोलिटन सीनियर स्पेशल जज जाकिर हुसैन ने भ्रष्टाचार विरोधी आयोग (एसीसी) ने द्वारा दाखिल तीन अलग-अलग चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए यह आदेश जारी किया. अब गिरफ्तारी के आदेशों को रिव्यू करने के लिए जज जाकिर ने 27 अप्रैल की तारीख निर्धारित की है. कोर्ट सूत्रों के हवाले से पता चला है कि अदालत में आरोपियों की गैर-हाजिर रहने की वजह से गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए.
प्लॉट घोटाले के तीन मामले
आरोप है कि शेख हसीना, रेहाना और तुलिप सिद्दीकी ने पुरबाचल न्यू टाउन परियोजना में 10 कट्ठा जमीन राजनीतिक प्रभाव से हासिल किया. इस केस में कुल 17 लोगों को आरोपी बनाया गया है.
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एसीसीसीसी ने अजमीना सिद्दीकी के खिलाफ भी इसी तरह की अनियमितताओं के आरोप में चार्जशीट दाखिल की, जिसमें तुलीप और शेख हसीना का नाम शामिल था.
रेहाना के बेटे पर भी राजनीतिक प्रभाव से जमीन लेने का आरोप है. शुरुआती शिकायत में शेख हसीना, तुलिप सिद्दीकी और अन्य 16 लोगों का नाम शामिल थे. अंतिम आरोपपत्र में कुल 18 लोगों का नाम शामिल किया गया.
अन्य गंभीर आरोप
बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्राइब्यूनल द्वारा शेख हसीना के खिलाफ जेनोसाइड, मानवता के खिलाफ अपराध, और जबरन गुमशुदगियों जैसे मामलों की जांच कर रही है.
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भारत में रह रहीं शेख हसीना
बांग्लादेश में बीते साल (2024) में हिंसक आंदोलन हुआ, जिसके बाद शेख हसीना की सरकार को गिरा दिया गया. 16 साल लंबे आवामी लीग के शासन को हटा दिया गया. मजबूरन हसीना 5 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गईं. उसके बाद से वो भारत में ही रह रही हैं. मोहम्मद यूनुस ने आधिकारिक तौर से भारत सरकार से हसीना को सौंपना का अनुरोध किया है.