नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की के लंबे समय से भरोसेमंद रहे ह्तिन क्यॉ मंगलवार को म्यांमार के अगले राष्ट्रपति चुने गए. उन्हें संसद के दोनों सदनों के कुल 652 में से 360 वोट मिले.
म्यांमार की नेशनल लीग ऑफ डेमोक्रेसी के नेता और सू की के करीबी क्यॉ को शुरुआत से ही राष्ट्रपति का प्रबल दावेदार माना जा रहा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्यॉ को राष्ट्रपति चुने जाने की बधाई दी है.
Congratulations and best wishes to U Htin Kyaw on being elected President of Myanmar! Will work together to strengthen India-Myanmar ties.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 15, 2016
पहली बार लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार
संसद के दोनों सदनों के सदस्य अंतिम तौर पर राष्ट्रपति को चुनने के लिए एक और दौर की मत प्रक्रिया में शामिल हुए. नए राष्ट्रपति का कार्यकाल एक अप्रैल से शुरू होगा. यह पिछली आधी सदी से भी ज्यादा के समय में म्यांमार में पहली बार लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार होगी.इकनॉमिक्स से ग्रैजुएट 69 साल के ह्तिन क्यॉ फिलहाल सू की चैरिटेबल फाउंडेशन चलाते हैं.
...तो सू की ही चलाएंगी सरकार
माना जा रहा है कि म्यांमार का शासन व्यावहारिक रूप से सू की ही चलाएंगी क्योंकि उन्होंने कहा है कि वह राष्ट्रपति से भी ऊपर होंगी और परदे के पीछे से शासन करेंगी.
यह व्यवस्था इसलिए की गई है क्योंकि संवैधानिक प्रावधान के कारण सू की पर प्रतिबंध है. इस प्रावधान के मुताबिक, जिस किसी व्यक्ति का विदेशी जीवनसाथी या बच्चे हों वह कार्यपालिका का पद नहीं संभाल सकता. सू की के दिवंगत पति और दोनों बेटे ब्रिटिश हैं.