scorecardresearch
 

अमेरिका से अलविदा कहने की तैयारी! नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी जा रहे हैं इस देश, करेंगे ये काम

अभिजीत बनर्जी और एस्थर डुफ्लो, 2019 के नोबेल विजेता अर्थशास्त्री, 1 जुलाई 2026 से स्विट्जरलैंड की ज्यूरिख यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बनेंगे. वे “लेमन सेंटर फॉर डेवलपमेंट, एजुकेशन एंड पब्लिक पॉलिसी” शुरू करेंगे, जहां गरीबी, विकास और सरकारी नीतियों पर रिसर्च होगी और छात्रों को पढ़ाया जाएगा.

Advertisement
X
नोबेल पुरस्कार विजेता दंपति स्विट्जरलैंड के यूनिवर्सिटी में जाएंगे (Photo: X/@Florian_Scheuer)
नोबेल पुरस्कार विजेता दंपति स्विट्जरलैंड के यूनिवर्सिटी में जाएंगे (Photo: X/@Florian_Scheuer)

विट्जरलैंड की ज्यूरिख यूनिवर्सिटी में काम करना किसी भी शिक्षा जगत के लोगों के लिए सपना जैसा होता है. नोबेल पुरस्कार जीतने वाले दो मशहूर अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी और एस्थर डुफ्लो अगले साल उनकी यूनिवर्सिटी में काम करने आएंगे. 

1 जुलाई 2026 से ये दोनों ज्यूरिख यूनिवर्सिटी के इकॉनॉमिक्स विभाग में प्रोफेसर के रूप में काम करेंगे. वे एक नया सेंटर बनाएंगे जिसका नाम "लेमन सेंटर फॉर डेवलपमेंट, एजुकेशन एंड पब्लिक पॉलिसी" होगा. 

इस नए सेंटर का मकसद गरीबी और विकास पर रिसर्च करना है. साथ ही सरकारी नीतियों को बेहतर बनाने में मदद करना. छात्रों को सिखाना है. इसके अलावा स्विट्जरलैंड और ब्राजील के बीच सहयोग बढ़ाना है. 

कौन हैं ये दोनों?

अभिजीत बनर्जी और एस्थर डुफ्लो पति-पत्नी हैं और दोनों बहुत प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं. 2019 में उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला था क्योंकि उन्होंने गरीबी कम करने के नए तरीके खोजे थे. वे अमेरिका की MIT यूनिवर्सिटी में काम करते थे.

कितनी फंडिंग मिली?

ब्राजील की लेमन फाउंडेशन ने इस काम के लिए करीब 270 करोड़ रुपये दिए हैं.

Advertisement

यूनिवर्सिटी के लोग क्या कहते हैं?

इकॉनॉमिक्स विभाग के चेयरमैन फ्लोरियन शूअर ने कहा, 'यह हमारी यूनिवर्सिटी के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. ये दोनों न सिर्फ बेहतरीन रिसर्च करते हैं बल्कि छात्रों को भी अच्छी तरह सिखाते हैं.'

यह भी पढ़ें: अभिजीत बनर्जी बोले- इकोनॉमी 2019 से भी नीचे, 10 दिन तिहाड़ जेल में बिताने पर ऐसा रिएक्शन!

यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट माइकल शेपमैन ने कहा, 'हमें खुशी है कि दुनिया के सबसे प्रभावशाली अर्थशास्त्री हमारे साथ आ रहे हैं. वे सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं बल्कि समाज की मदद भी करते हैं.'

क्या बोले दोनों प्रसिद्ध अर्थशास्त्री?

अभिजीत बनर्जी ने कहा कि हमें यकीन है कि ज्यूरिख यूनिवर्सिटी हमारे काम के लिए बहुत अच्छी जगह होगी. वहीं एस्थर डुफ्लो ने कहा कि नया लेमन सेंटर हमें रिसर्च, छात्रों को सिखाने और असली दुनिया की समस्याओं को हल करने में मदद करेगा.

पुराना काम भी जारी रहेगा

दोनों MIT यूनिवर्सिटी और पेरिस की संस्थाओं के साथ भी जुड़े रहेंगे. वे J-PAL नाम की अपनी संस्था भी चलाते रहेंगे जो गरीबी कम करने पर काम करती है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement