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'मां, मुझे कुरकुरे बहुत पसंद है...', दुकानदार ने लगाया चिप्स चोरी का आरोप तो 12 साल के बच्चे ने दे दी जान

बंगाल में मेदिनीपुर जिले के पंसकुरा में एक 12 साल के लड़के ने कथित तौर पर कीटनाशक खाकर अपनी जान दे दी. उस पर एक दुकान से चिप्स का पैकेट चुराने का आरोप लगाया गया था और इसके लिए दुकानदार ने उससे उठक-बैठक भी करवाई थी. इसी से आहत होकर लड़के ने सुसाइड कर लिया.

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 दुकानदार ने लगाया चिप्स चोरी का आरोप तो 12 साल के बच्चे ने दे दी जान
दुकानदार ने लगाया चिप्स चोरी का आरोप तो 12 साल के बच्चे ने दे दी जान

पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले के पंसकुरा में एक 12 साल के लड़के ने कथित तौर पर कीटनाशक खाकर अपनी जान दे दी. उस पर एक दुकान से चिप्स का पैकेट चुराने का आरोप लगाया गया था और इसके लिए दुकानदार ने उससे उठक-बैठक भी करवाई थी. पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. 7वीं कक्षा के छात्र कृष्णेन्दु दास ने गुरुवार शाम पंसकुरा इलाके के गोसाईबर बाजार में एक दुकान से कथित तौर पर चिप्स का पैकेट उठा लिया था. 

अधिकारी ने उसकी दुखी मां के हवाले से बताया कि उसने बार-बार 'अंकल मैं चिप्स खरीदूंगा' पुकारा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला और आखिरकार वह कथित तौर पर एक पैकेट चिप्स लेकर दुकान से चला गया.  अधिकारी ने परिवार की शिकायत का हवाला देते हुए बताया कि दुकानदार शुभांकर दीक्षित ने उसका पीछा किया और उसे दुकान पर वापस लाया, उसे थप्पड़ मारे और सबके सामने उठक-बैठक करने को कहा. दास की मां को मौके पर बुलाया गया तो उन्होंने भी उसे डांटा और थप्पड़ मारे, जबकि लड़के ने दावा किया कि उसने दुकान के सामने ढेर में पड़े पैकेट को उठाया था और बाद में पैसे देने आता. उसने दुकानदार की सहमति के बिना पैकेट उठाने के लिए माफी मांगते हुए तुरंत पैसे देने की पेशकश भी की, लेकिन दुकानदार ने उस पर झूठ बोलने का आरोप लगा दिया.

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नाराज कृष्णेंदु अपनी मां के साथ घर लौटा. उसने अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और वह दरवाजा नहीं खोल रहा था. अधिकारी ने बताया कि कुछ देर बाद उसकी मां ने पड़ोसियों के साथ मिलकर दरवाजा तोड़ा तो पाया कि उसके मुंह से झाग निकल रहा था और उसके बगल में कीटनाशक की आधी खाली बोतल पड़ी थी. बगल में कथित तौर पर बंगाली में लिखा एक नोट भी पड़ा मिला.

नोट में लिखा था, 'मां, मैं चोर नहीं हूं. मैंने चोरी नहीं की. जब मैं इंतजार कर रहा था, तब दुकानदार अंकल आस-पास नहीं थे. लौटते समय मैंने सड़क पर कुरकुरे का पैकेट पड़ा देखा और उसे उठा लिया. मुझे कुरकुरे बहुत पसंद हैं.' कृष्णेंदु ने आगे कहा, 'जाने से पहले ये मेरे आखिरी शब्द हैं. प्लीज मुझे इसके लिए माफ़ कर देना'. उसे तुरंत तामलुक अस्पताल ले जाया गया और आईसीयू में भर्ती कराया गया, लेकिन कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई.

दुकान मालिक, जो ट्रैफ़िक प्रबंधन में सहायता करने के लिए बंगाल पुलिस से जुड़ा एक नागरिक स्वयंसेवक भी है, ने शुरू में दावा किया कि उसने बच्चे पर हमला नहीं किया. लेकिन घटना के बारे में पता चलने के बाद उसे पकड़ा नहीं जा सका क्योंकि उसकी बंद दुकान के सामने भीड़ जमा हो गई थी.

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