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योगी सरकार का बड़ा फैसला... होमगार्डों के रिक्त पदों पर होगी नई भर्ती, जानें किन्हें मिलेगा मौका

यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होमगार्ड संगठन को मजबूत करने के लिए नए एनरोलमेंट की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए हैं. रिक्त पदों की भर्ती समयबद्ध और पारदर्शी होगी. युवाओं को अवसर देने के लिए अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष तय करने और लिखित परीक्षा अनिवार्य करने की तैयारी है. डिजिटलीकरण और प्रशिक्षण व्यवस्था को मजबूत कर विभाग को और पेशेवर बनाया जाएगा.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होमगार्डों की भर्ती करने को कहा है (File photo : PTI )
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होमगार्डों की भर्ती करने को कहा है (File photo : PTI )

उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश के होमगार्ड के खाली पड़े पदों को भरने के लिए सीएम ने नई एनरोलमेंट प्रक्रिया तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए हैं. अधिकारियों का किना है कि सीएम का यह फैसला न केवल होमगार्ड विभाग के पुनर्गठन की ओर कदम है, बल्कि युवाओं के लिए भी रोजगार का नया अवसर लेकर आया है.

बैठक में सीएम योगी का बड़ा ऐलान

लखनऊ में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के साथ सुरक्षा बलों की जिम्मेदारियां बढ़ रही हैं. चाहे कानून-व्यवस्था संभालनी हो, आपदा राहत का काम हो या यातायात प्रबंधन हर जगह होमगार्ड्स ने अपनी भूमिका को सार्थक सिद्ध किया है. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि प्रदेश में कुल 1,18,348 स्वीकृत पदों के मुकाबले केवल 71,155 होमगार्ड सक्रिय हैं. आने वाले दस सालों में करीब 38,000 स्वयंसेवक सेवानिवृत्त होंगे, जबकि मौजूदा बल में 51 प्रतिशत से अधिक जवान 50 वर्ष से ऊपर के हैं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिया कि भर्ती की प्रक्रिया समयबद्ध, पारदर्शी और निष्पक्ष हो. इसके लिए पुलिस भर्ती एवं प्रशिक्षण बोर्ड के सहयोग से नया बोर्ड गठित करने का भी निर्णय लिया गया.

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युवाओं के लिए नए अवसर

न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि युवाओं को अधिक से अधिक अवसर मिलने चाहिए. यही कारण है कि अब एनरोलमेंट की अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष तय करने का सुझाव दिया गया है. इसके अलावा चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा अनिवार्य की जाएगी ताकि योग्य उम्मीदवार ही बल का हिस्सा बन सकें. उन्होंने यह भी कहा कि आपदा प्रबंधन से जुड़ा अनुभव या प्रशिक्षण रखने वाले युवाओं को प्राथमिकता दी जाए. इसका सीधा लाभ यह होगा कि किसी भी प्राकृतिक आपदा या आपात स्थिति में राज्य के पास प्रशिक्षित और सक्षम बल मौजूद होगा.

डिजिटल युग में होमगार्ड

बैठक में विभागीय अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि होमगार्ड संगठन की लगभग सभी प्रक्रियाएं अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित की जा चुकी हैं. ड्यूटी आवंटन, भत्तों का भुगतान, अनुग्रह राशि, पेंशन संबंधी कार्य अब पूरी तरह ऑनलाइन माध्यम से हो रहे हैं. होमगार्ड मित्र ऐप जैसी पहल ने जवानों और विभाग के बीच संवाद को और पारदर्शी बना दिया है. इससे न केवल कामकाज आसान हुआ है बल्कि भ्रष्टाचार और देरी जैसी शिकायतों पर भी अंकुश लगा है.

कई क्षेत्रों में हो रही सेवाएं

मुख्यमंत्री को बताया गया है कि होमगार्ड सिर्फ पुलिस की मदद भर नहीं करते, बल्कि उनकी सेवाएं कई अन्य क्षेत्रों में भी ली जाती हैं. यातायात प्रबंधन, शैक्षणिक संस्थानों की सुरक्षा, स्वास्थ्य विभाग, परिवहन, खनन, नगरीय निकाय, दूरदर्शन और आकाशवाणी केंद्र, एफसीआई और विकास प्राधिकरण में इनकी सेवाएं ली जा रही है. यहां तक कि हाल ही में हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी होमगार्ड्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. महाकुंभ-2025 जैसे विशाल आयोजन की तैयारी में भी उन्होंने सेवाएं दीं.  

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प्रशिक्षण होगा और सशक्त

वर्तमान में प्रदेश में एक केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान और 12 मंडलीय प्रशिक्षण केंद्र सक्रिय हैं. यहां हर साल करीब 15,000 स्वयंसेवकों को नियमित और उन्नत प्रशिक्षण दिया जाता है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि नई भर्ती व्यवस्था लागू होने के बाद प्रशिक्षण प्रणाली को और मजबूत बनाया जाएगा ताकि संगठन पूरी तरह पेशेवर स्वरूप में काम करे.

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