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वाराणसी में बवाल: हिंदूवादी संगठन ने अस्पताल की नाली तोड़ी, छिड़का गंगाजल

वाराणसी के कबीरचौरा महिला अस्पताल में एक स्ट्रक्चर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कुछ हिंदूवादी संगठनों के सदस्यों ने आरोप लगाकर अस्पताल परिसर में मौजूद एक ढांचे को हथौड़ी से तोड़ दिया, उनका कहना था कि यह स्थल गर्भवती महिलाओं को धार्मिक धोखाधड़ी, संतान के लिए चादर और पैसे चढ़ाने, साथ ही धर्म परिवर्तन के लिए इस्तेमाल हो रहा था.

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वाराणसी महिला अस्पताल के एक स्ट्रक्चर को हिंदूवादी संगठन के सदस्यों ने तोड़ा (Photo: Roushan Kumar/ITG)
वाराणसी महिला अस्पताल के एक स्ट्रक्चर को हिंदूवादी संगठन के सदस्यों ने तोड़ा (Photo: Roushan Kumar/ITG)

उत्तर प्रदेश वाराणसी के कबीरचौरा महिला अस्पताल में एक स्ट्रक्चर को लेकर विवाद सामने आया है. कुछ लोग, जो खुद को काशीवासी और हिंदूवादी संगठन का सदस्य बताते हैं, अस्पताल पहुंचे और हथौड़ी से अस्पताल की एक दीवार में बने छोटे निर्माण को तोड़ दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि यहां गर्भवती महिलाओं को बरगलाकर संतान की कामना के लिए चादर और पैसे चढ़वाए जाते थे. उनका कहना था कि यह स्थल धर्म परिवर्तन और प्रलोभन का केंद्र भी बन रहा था.

अस्पताल परिसर में हुए इस घटनाक्रम का वीडियो फेसबुक पर लाइव भी किया गया, जिसमें देखा जा सकता है कि एक के बाद एक हथौड़ी के प्रहार से ताखेनुमा आकृति को तोड़ा गया और गंगाजल से शुद्धि की गई. वीडियो वायरल होने के बाद पूरे मामले ने सोशल मीडिया पर खलबली मचा दी.

अस्पताल की चिकित्सा अधिक्षीका के पत्र में लिखा गया है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो भ्रामक है. दीवार पर बने ड्रेन को मजार बताकर प्रस्तुत किया गया, जबकि वहां कभी कोई धार्मिक स्थल नहीं था. पत्र में कहा गया है कि किसी भी तरह की भ्रामक जानकारी आम जनता के बीच न फैले और उचित कार्रवाई की जाए.

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अस्पताल प्रशासन का स्पष्टीकरण

हालांकि अस्पताल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि टूटे हुए स्ट्रक्चर को मजार या किसी धार्मिक स्थल के रूप में पेश करना गलत है. वास्तव में यह सिर्फ छत का नाली ड्रेन था. भ्रम फैलाने वाले वीडियो और खबरों के बाद, अस्पताल की चिकित्सा अधिक्षीका ने संबंधित विभागों और पुलिस को पत्र भेजकर मामले की जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है.

हिंदूवादी संगठन का दावा

इस मामले में हिंदूवादी संगठन के नेता अतुल कुल ने दावा किया कि यह स्थल हिंदू महिलाओं को टारगेट कर धर्म परिवर्तन की साजिश का केंद्र था. उनका कहना था कि प्रशासन शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं कर रहा था, इसलिए उन्होंने खुद ही स्ट्रक्चर को तोड़ने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि पहले वहां कव्वाली होती थी और शुक्रवार को चादर चढ़ाई जाती थी.

पुलिस और अस्पताल प्रशासन का खंडन

ACP कोतवाली प्रज्ञा पाठक ने बताया कि वायरल वीडियो में महिला अस्पताल को मजार बताया जा रहा है. अस्पताल की चिकित्सा अधिक्षीका ने स्पष्ट किया है कि यह सिर्फ पानी के लिए ड्रेन है और कोई मजार नहीं है. उन्होंने भ्रामक वीडियो और खबरों का पूर्ण खंडन किया.

इनपुट: रौशन कुमार

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