उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ रूट पर पड़ने वाली दुकानों के नाम बदलने का मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है. इस मामले में अब बनारस के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पाडेंय का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि गैर सनातनी दुकान मालिकों से कुछ भी खरीदना अपवित्र हो जाता है. मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष ने योगी सरकार के उस फैसले का स्वागत किया, जिसमें कहा गया था कि कावड़ रूट पर आने वाली दुकानदारों को अपने दुकान के बोर्ड पर असली नाम लिखना होगा.
प्रो. नागेंद्र पाडेंय ने बताया कि वह जल्द ही काशी विश्वनाथ धाम के अंदर मौजूद दुकानों के लिए इस नई व्यवस्था को लागू करने जा रहे हैं, जिसके तहत दुकानदारों को अपने बोर्ड पर नाम लिखना होगा. इसके अलावा वे विश्वनाथ मंदिर के बाहर भी मौजूद तमाम अन्य धर्म की दुकानों और प्रसाद सामग्री की दुकानों पर भी दुकानदारों के नाम लिखने के लिए जिला प्रशासन से बात करेंगे.
मुजफ्फरनगर में आदेश लागू
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) से पहले मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में खाने-पीने और फल की दुकान लगाने वाले दुकानदारों को अपने-अपने नाम लिखकर डिस्प्ले करने के लिए कहा गया है. यही नहीं अपनी दुकानों/होटलों पर काम करने वालों का नाम भी लिखने का आदेश जारी किया गया है. इस आदेश को लेकर स्थानीय प्रशासन का कहना है कि सामान लेने वाले को यह पता होना चाहिए कि वो किसकी दुकान से खरीददारी कर रहा है. किसी को कोई कंफ्यूजन नहीं होना चाहिए.
हालांकि, इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस बीच सीएम योगी का आदेश भी आ गया है, जिसमें उन्होंने यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्देश दे दिया है. शासन के आदेश का असर भी दिखना शुरू हो गया. मुजफ्फरनगर में दुकानदार/मालिक अपना-अपना नाम दुकानों के आगे लिखकर टांग रहे हैं.
मुजफ्फरनगर पुलिस के फरमान के अगले ही दिन वहां से गुजरने वाले दिल्ली-देहरादून नेशनल हाइवे-58 पर काफी कुछ बदला-बदला दिखा. हाइवे पर चाय की दुकान लगाने वाले एक मुस्लिम शख्स की दुकान का नाम कुछ दिन पूर्व 'चाय लवर पॉइंट' हुआ करता था लेकिन पुलिस के आदेश के बाद इस दुकान के मालिक फहीम ने अब अपनी दुकान का नाम 'वकील अहमद टी स्टॉल' रख दिया है. फहीम ने बताया कि पुलिस के इस फरमान का कांवड़ यात्रा के दौरान उनके काम पर बड़ा प्रभाव पड़ने वाला है.
दरअसल, पुलिस-प्रशासन ने कांवड़ रूट पर पड़ने वाले सभी दुकानदारों को निर्देश दिया था कि वो अपनी-अपनी दुकानों पर प्रोपराइटर या फिर काम करने वालों का नाम जरूर लिखें, जिससे कांवड़ियों में किसी प्रकार का कोई कंफ्यूजन न हो. पुलिस ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि कांवड़ियों के बीच किसी तरह का कंफ्यूजन न हो और भविष्य में कोई आरोप न लगे जिससे कानून व्यवस्था प्रभावित हो.