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वाराणसी: मजार बताकर हिंदूवादी संगठनों ने हथौड़े से तोड़ डाली अस्पताल की नाली! फेसबुक पर किया लाइव, मचा बवाल

वाराणसी के कबीर चौरा महिला अस्पताल में हिंदूवादी संगठनों ने एक दीवार में बनी छोटी-सी आकृति को मजार बताते हुए तोड़ दिया. उनका आरोप था कि गर्भवती महिलाओं को बरगलाकर धर्म परिवर्तन की कोशिश की जा रही है. वहीं, अस्पताल प्रशासन ने इसे केवल नाली का ड्रेन बताया है.

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हथौड़े से स्ट्रक्चर तोड़ते हिंदू संगठन से जुड़े लोग (Photo: ITG)
हथौड़े से स्ट्रक्चर तोड़ते हिंदू संगठन से जुड़े लोग (Photo: ITG)

यूपी के वाराणसी में दीवार पर ताखेनुमा आकृति को हिंदू संगठनों ने मजार बताकर तोड़ डाला. जैसे ही इस घटना का वीडियो सामने आया बवाल मच गया. पुलिस-प्रशासन पर सवाल उठने लगे. दरअसल, यह घटना एक अस्पताल में हुई थी. ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने इस कृत्य को गलत बताया और साफ किया कि वो आकृति कोई मजार नहीं थी. आरोप लगाया गया कि संगठनों द्वारा भ्रामकता फैलाने की कोशिश की जा रही है. 

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई के बीच, हिंदूवादी संगठनों ने खुद ही वाराणसी में एक निर्माण को निशाना बनाया. यह घटना कबीर चौरा महिला अस्पताल में हुई. कुछ हिंदूवादी संगठनों ने अस्पताल की एक दीवार में बनी ताखेनुमा आकृति को हथौड़े से तोड़ डाला. उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक धार्मिक स्थल था, जहां हिंदू महिलाओं को बरगलाकर पैसे और चादर चढ़वाए जाते थे। . संगठन के अनुसार, शिकायत के बावजूद जब इसे नहीं हटाया गया, तो उन्होंने खुद ही कार्रवाई की. 

लगभग पांच मिनट के एक वायरल वीडियो में दर्जनों हथौड़ों के वार से ताखेनुमा आकृति को तोड़ते हुए दिखाया गया. वीडियो में संगठन के लोग यह कहते सुने जा सकते हैं कि यहां चादर और पैसे चढ़ाए जाते हैं और उनका दुरुपयोग होता है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह धार्मिक स्थल गर्भवती हिंदू महिलाओं को बरगलाकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने का केंद्र है. तोड़फोड़ करने से पहले गंगाजल से शुद्धि भी की गई और फिर जमकर नारेबाजी हुई. इस वीडियो को मौके से फेसबुक पर लाइव किया गया था. 

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अस्पताल प्रशासन का पक्ष

वायरल वीडियो के बाद अस्पताल प्रशासन ने पुलिस उपायुक्त, काशी जोन को एक पत्र भेजा. पत्र में अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षिका ने साफ किया कि तोड़ी गई संरचना कोई मजार या धार्मिक स्थल नहीं थी. यह केवल एक नाली का ड्रेन था, जिससे छत का पानी बहता है. उन्होंने बताया कि इस तरह की संरचनाएं अस्पताल भवन के चारों तरफ बनी हुई हैं. पत्र में सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर फैलाई जा रही भ्रामक खबरों का खंडन किया गया और पुलिस से उचित कार्रवाई की मांग की गई. देखें वीडियो- 

भ्रामकता फैलाने का आरोप

अस्पताल प्रशासन ने अपने पत्र में कहा है कि आम जनमानस के बीच भ्रामकता फैलाने की कोशिश की जा रही है. उनका मानना है कि यह एक सोची-समझी साजिश है, जिसके तहत नाली के ड्रेन को धार्मिक स्थल बताकर तोड़ा गया. पुलिस को भेजे गए पत्र का उद्देश्य यह था कि इस मामले में उचित कार्रवाई हो और किसी तरह की गलतफहमी न फैले. 

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