उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने बकरीद को लेकर सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए अलर्ट जारी किया है. उन्होंने त्यौहार रजिस्टर के आधार पर बीते कुछ सालों में हुए विवाद तथा संवेदनशीलता के आधार पर हॉटस्पॉट चिन्हित किया करने के निर्देश दिए हैं. ऐसे सभी संवेदनशील स्थानों पर समुचित सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.इन स्थानों पर किसी भी गौर परंपरागत आयोजन की अनुमति नहीं दी जाए. छोटी-से-छोटी घटना को गंभीरता से लिया जाए.
डीजीपी ने यह भी कहा कि विगत वर्षों में बकरीद के अवसर पर कुर्बानी/नमाज आदि को लेकर यदि कोई विवाद हुआ हो तो उसका तत्परतापूर्वक निस्तारण करा लिया जाए. थाने में दर्ज साम्प्रदायिक एवं अवांछनीय तत्वों के विरूद्ध आवश्यक्तानुसार कड़ी निरोधात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए. छोटी से छोटी घटना को गंभीरता से लिया जाए और घटनास्थल का तत्काल निरीक्षण कर विवाद को हल करने तथा साम्प्रदायिक संवेदनशीलता को खत्म करने के लिए कड़े एवं प्रभावी कदम उठाएं.
गोवंश की हत्या पर हो पूरी तरह से रोक: DGP
डीजीपी ने सभी पुलिस अधिकारियों को गौहत्या जैसी घटनाओं तथा गोवंश के अवैध परिवहन पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए जरूरी उपाय करें. नमाज के वक्त मस्जिदों और ईदगाहों के पास आने-जाने वाले रोड जानवर न आए. साथ ही त्योहार शांतिपूर्ण माहौल में मनाया जाए इसके लिए धर्मगुरुओं और संभ्रांत नागरिकों के साथ बातचीत करें.
सार्वजनिक स्थानों पर न हो नजाम
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों से यह भी कहा कि सार्वजनिक स्थानों/ सड़कों पर अवरोध पैदा कर नमाज अदा ना की जाए. हर जिले में कानून व्यवस्था को देखते हुए अधिक से अधिक पुलिस बल की तैनाती रहे. इसके अलावा दंगा होने की स्थिति में दंगे को रोकने के लिए पुलिस रिजर्व में तैयारियां करे.
त्यौहार के अवसर पर कमिश्नरेट, जिलों को जोन और सेक्टर में बांटकर हर जोन और सेक्टर में मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारी की नियुक्ति की जाए. पूरे यूपी में 112 के पुलिस वाहन संवेदनशील इलाकों तैनात किया जाए. साथ ही संवेदनशील इलाकों में ड्रोन कैमरे के माध्यम से निगरानी की जाए.
सोशल मीडिया की हो 24 घंटे निगरानी
इसके अलावा संवेदनशील इलाकों, चौराहों का चिन्हित कर उनकी वीडियोग्राफी के लिए टीमों का गठन किया जाए. सुबह चेकिंग के लिए हर थाने में मॉर्निंग टीम का गठन किया जाए. इस टीम के द्वारा संवेदनशील इलाकों के आस-पास आपत्तिजनक बैनर, पोस्टर आदि चीजें मिलने पर जरूरी कार्यवाही की जाए.
साथ ही सभी कमिश्नरेट जिले की सोशळ मीडिया टीम 24 घंटे सोशल मीडिया के प्रत्येक प्लेटफॉर्म की निगरानी रखें और मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया टीम से संपर्क में रहते हुए आपत्तिजनक, भ्रामक पोस्ट पर तुरंत संज्ञान लेकर कार्रवाई करे.