उत्तर प्रदेश के बांदा में अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में भारी लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. आरोप है कि एक निजी डायग्नोस्टिक सेंटर में गर्भवती महिला के अल्ट्रासाउंड के दौरान बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया और रिपोर्ट देने के बाद उसे गर्भपात कराने की सलाह दी गई. वहीं, जब दूसरी जगह अल्ट्रासाउंड कराया गया तो बच्चा जीवित पाया गया.
जानकारी के मुताबिक, देहात कोतवाली क्षेत्र के महोखर गांव निवासी शिवप्रताप ने अपनी पत्नी निधि सिंह का अल्ट्रासाउंड एक प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर में कराया. रिपोर्ट में गर्भ मं पल रहे शिशु को मृत बताकर अबॉर्शन की सलाह दे दी गई. यह सुनकर दंपति सदमे में आ गए. डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने दूसरी जगह अल्ट्रासाउंड कराया, जिसमें बच्चा पूरी तरह स्वस्थ और जीवित मिला.
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पीड़ित शिवप्रताप का आरोप है कि बांदा में कई प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से बिना योग्य स्टाफ के चल रहे हैं, जहां दसवीं पास लोग अल्ट्रासाउंड और खून की जांच कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस तरह की लापरवाही से मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती है. इस घटना ने बांदा में निजी जांच केंद्रों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
DM ने दिए जांच के आदेश
वहीं, घटना की शिकायत डीएम को दी गई, जिसके बाद डीएम ने सीएमओ को तत्काल जांच के आदेश दिए हैं. सीएमओ विजेंद्र कुमार ने पुष्टि की कि मामला उनके संज्ञान में आया है. उन्होंने बताया कि एक रिपोर्ट में बच्चे को मृत और दूसरी में जीवित बताया गया है. जांच कर दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल, पीड़ित परिवार प्रशासन से न्याय और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है.