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'पुलिस हम पर 10 संदिग्धों के नाम लेने का दबाव बना रही', बोले संभल हिंसा में घायल के परिजन

हसन की बहन आशिया ने कहा कि हम पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है, मेरे पिता की नवंबर में मौत हो गई थी और भाई हसन को हिरासत में रखा गया है. डॉक्टरों ने कहा था कि उसके हाथ की सर्जरी जरूरी है, नहीं तो हाथ काम करना बंद कर देगा. उसे पहले संभल अस्पताल ले जाया गया, और बाद में मुरादाबाद रेफर कर दिया गया.

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संभल हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई घायल हो गए थे (फाइल फोटो- पीटीआई)
संभल हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई घायल हो गए थे (फाइल फोटो- पीटीआई)

यूपी के संभल में हिंसा की आग अब बुझ गई है, लेकिन उसके निशां बाकी रह गए हैं. किसी का घर उजड़ गया तो किसी का परिवार... हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हैं. आजतक ने संभल हिंसा में घायल हसन, आजिम और वसीम के परिजनों से बात की, जिन्हें गोली और पेलेट लगी हैं.

हसन के परिवार का दावा है कि यूपी पुलिस उन पर 10 संदिग्धों के नाम लेने का दबाव बना रही है. परिजनों का दावा है कि हसन के हाथ में गोली लगी है.

हसन की बहन आशिया ने कहा कि हम पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है, मेरे पिता की नवंबर में मौत हो गई थी और भाई हसन को हिरासत में रखा गया है. डॉक्टरों ने कहा था कि उसके हाथ की सर्जरी जरूरी है, नहीं तो हाथ काम करना बंद कर देगा. उसे पहले संभल अस्पताल ले जाया गया, और बाद में मुरादाबाद रेफर कर दिया गया.

संभल हिंसा में घायल हसन, आजिम और वसीम टीएमयू अस्पताल में भर्ती हैं. आजिम के पिता खलील अहमद ने कहा कि मेरे बेटे को पेलेट लगी है, वह हिरासत में है, आजिम अपनी मौसी से मिलने गया था, जो मस्जिद के पास रहती हैं. खलील ने बताया कि उन्हें अपने बेटे आजिम को खोजने के लिए 24 नवंबर को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल जाना पड़ा.

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मुरादाबाद कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने हसन के परिवार के दावों को खारिज किया है. आंजनेय कुमार सिंह ने आजतक से कहा कि इस मामले में हसन और आजिम दोनों ही आरोपी हैं. उन्हें बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित कराने और सरकारी अस्पताल पर आरोप से बचने के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कानून अपना काम करेगा. केवल संदिग्धों के बयानों के आधार पर कोई गिरफ़्तारी नहीं की जा रही है, हम सीसीटीवी फुटेज, वीडियो और रिकॉर्डिंग के ज़रिए एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर लोगों की पहचान कर रहे हैं. 

बता दें कि समाजवादी पार्टी के संभल सांसद समेत कई विधायक आज संभल जाने वाले थे, लेकिन उन्हें प्रवेश करने से रोक दिया गया, क्योंकि प्रशासन ने शनिवार को शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बाहरी लोगों और जनप्रतिनिधियों के संभल में प्रवेश पर प्रतिबंध को 10 दिसंबर तक बढ़ा दिया है. बाहरी लोगों के प्रवेश पर पहले लगाई गई रोक शनिवार को समाप्त हो रही थी.

समाजवादी पार्टी के मुजफ्फरनगर सांसद हरेंद्र मलिक को गाजियाबाद से संभल में प्रवेश करने से रोक दिया गया. मलिक ने पूछा कि मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि हमें क्यों रोका जा रहा है, क्या विपक्षी नेता और सांसद इतने गैरजिम्मेदार हैं कि उन्हें राज्य के भीतर जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती?

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