यूपी के प्रतापगढ़ में जमीन विवाद में दो भाइयों को गोली मारने के आरोप में गिरफ्तार ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस ने जब सुशील सिंह को रिमांड पर लिया, तो पूछताछ में उसके ड्रग्स माफिया होने की बात सामने आई. पुलिस ने सुशील की निशानदेही पर पट्टी इलाके से 34.10 ग्राम एमडी (ड्रग) बरामद की है, जिसके बाद उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
दरअसल, एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिस भारी सुरक्षा में सुशील सिंह को बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट पहनाकर ले जाती दिख रही है. यह सुरक्षा व्यवस्था उसके ड्रग्स सिंडिकेट से जुड़े होने और उसकी जान को संभावित खतरे को देखते हुए की गई है.
करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने का आरोप
पुलिस के अनुसार, सुशील सिंह प्रतापगढ़ और आसपास के जिलों में ड्रग्स की सप्लाई करता था और ड्रग्स बेचकर करोड़ों की बेनामी संपत्ति अर्जित की है. पुलिस ने उसकी एक लग्जरी कार भी लखनऊ से बरामद की है. फिलहाल, सुशील सिंह के खिलाफ पट्टी और नगर कोतवाली में कुल 6 मुकदमे दर्ज हैं.
क्या था मामला?
यह पूरा मामला 21 जुलाई का है, जब प्रतापगढ़ की पट्टी तहसील के रजिस्ट्री ऑफिस में जमीन का बैनामा कराने आए दो भाइयों, अरुण तिवारी और आदित्य तिवारी, को दिनदहाड़े गोली मार दी गई थी. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह को फरार घोषित करते हुए उस पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित किया था.
पीड़ितों के परिजनों ने आरोप लगाया था कि गुंडा टैक्स न देने की वजह से सुशील सिंह और उसके साथियों ने उन पर हमला किया. इस घटना के बाद से सुशील सिंह फरार था और आखिरकार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. अब, उसके ड्रग्स सिंडिकेट से जुड़े होने का खुलासा होने से यह मामला और भी गंभीर हो गया है. पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर सुशील सिंह को रिमांड में लेकर आगे की जांच शुरू कर दी है.
आपको बता दें कि बेलखरनाथ का ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह आसपास के इलाके में अपने दबंग अंदाज के लिए जाना जाता था. वह गाड़ियों का काफिला लेकर चलता था. उसने गैरकानूनी काम करके मोटी रकम कमाई है. गुरुवार को कड़ी सुरक्षा में पुलिस सुशील सिंह को हेलमेट और बुलेट प्रूफ जैकेट पहनाकर थाना कोतवाली पट्टी से कोर्ट लेकर पहुंची थी. इस दौरान पूरा इलाका छावनी बना रहा. बताया जा रहा है कि सीओ, कई थाना प्रभारी, दर्जन भर दरोगा और करीब दो दर्जन सिपाही उसकी सिक्योरिटी में लगे हुए थे. मेडिकल कराने के बाद पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया और आखिर में फिर वापस जेल भेज दिया.