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कानपुर: बगल में मस्जिद और थाना, भीड़ भरा बाजार... तभी हुआ जोरदार धमाका, दीवारों में हो गया छेद

कानपुर के मिश्री बाजार में दो स्कूटी में हुए धमाकों ने जांच एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है. घनी आबादी वाले इलाके में बगल में मस्जिद और पास में थाना होने के बावजूद अवैध पटाखों का जखीरा कई सवाल खड़े कर रहा है. अब एटीएस, एसटीएफ जांच में जुट गई हैं और एनआईए की टीमें मौके पर पहुंचने की तैयारी में है. ताकि धमाके की असली वजह और साजिश का पता लगाया जा सके.

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कानपुर में स्कूटी ब्लास्ट के बाद लोगों में दहशत फैल गई (Photo: PTI)
कानपुर में स्कूटी ब्लास्ट के बाद लोगों में दहशत फैल गई (Photo: PTI)

कानपुर के मिश्री बाजार की गलियां अचानक दहशत से भर उठीं. एक तरफ कुछ दूर पर मस्जिद, दूसरी ओर महज 500 मीटर की दूरी पर थाना. बीच में दीवाली की खरीदारी से गुलजार बाजार और तभी इतना जोरदार धमाका कि दीवारें कांप उठीं, दुकानों की कांच की खिड़कियां चटक गईं और लोगों की चीखें गलियों में गूंजने लगीं. कुछ सेकंड के भीतर दूसरा धमाका हुआ और भी जोरदार. भीड़ में भगदड़ की स्थिति हो गई.

कानपुर के मूलगंज इलाके के घनी आबादी वाले मिश्री बाजार में यह दोहरा विस्फोट बुधवार शाम करीब 7:30 बजे हुआ. हादसे में आठ लोग घायल हो गए, जिनमें से चार को लखनऊ के केजीएमयू रेफर किया गया है. बाकी दो का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है, जबकि दो को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है.

एक के बाद एक दो विस्फोट

पुलिस की शुरुआती जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ. दोनों विस्फोट स्कूटी में हुए. वो भी एक के बाद एक. पहली स्कूटी के मालिक अश्वनी कुमार हैं, जो खुद इस विस्फोट में घायल हुए और फिलहाल लखनऊ के अस्पताल में भर्ती हैं. उन्होंने बताया कि वह बाजार में सजावटी लाइट खरीदने आए थे. दूसरी स्कूटी गोविंद नगर निवासी विजयेंद्र प्रसाद रस्तोगी की बताई जा रही है, जिनसे अब तक पुलिस का संपर्क नहीं हो पाया है. चश्मदीद के मुताबिक, हम लोग दुकान में बैठे थे, तभी ऐसा लगा जैसे जमीन हिल गई. पहले धमाका हुआ, फिर कुछ सेकंड बाद दूसरा. लोग जान बचाकर भागने लगे. कई दुकानों की दीवारों में दरारें पड़ गईं और सड़क पर सामान बिखर गया.

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पटाखों की आड़ में चल रहा था अवैध कारोबार

जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, पुलिस को शक हुआ कि ये धमाके किसी आतंकी साजिश का हिस्सा नहीं बल्कि अवैध पटाखा कारोबार से जुड़े हो सकते हैं. कानपुर पुलिस कमिश्नर रघुवीर लाल ने बताया कि पहली नजर में मामला पटाखों से जुड़ा लग रहा है. इलाके में गैरकानूनी तरीके से पटाखों का भंडारण किया जा रहा था. यही धमाके का कारण बना. उन्होंने साफ कहा कि ये कोई सामान्य दुर्घटना नहीं थी. हमें जानकारी मिली है कि मिश्री बाजार में कई दुकानों में खिलौनों की आड़ में अवैध पटाखे बेचे जा रहे थे. इस पूरे नेटवर्क में कुछ पुलिसकर्मियों की मिलीभगत भी सामने आई है. जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा.

थाने के पास चल रहा था अवैध पटाखा बाजार

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह पूरा कारोबार उसी इलाके में चल रहा था, जो स्थानीय थाने से महज 500 मीटर की दूरी पर है. बाजार में खिलौनों की दुकानें हैं, लेकिन त्योहारों के मौसम में यही दुकानें गुप्त पटाखा मंडी में बदल जाती हैं. धमाके के बाद जब पुलिस ने सर्च अभियान शुरू किया, तो कई दुकानों के पीछे से फायरक्रैकर के बड़े-बड़े बंडल और गनपाउडर से भरे डिब्बे मिले. इसी सिलसिले में पुलिस ने अब तक छह लोगों को हिरासत में लिया है. सूत्रों का कहना है कि इस नेटवर्क का सरगना भी पकड़ लिया गया है.

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ATS और STF ने संभाली जांच, NIA की टीम भी तैयार

घटना की गंभीरता को देखते हुए यूपी एटीएस (Anti-Terrorist Squad) और एसटीएफ (Special Task Force) को भी जांच में शामिल किया गया है. पुलिस ने किसी भी संभावना को खारिज नहीं किया है. कमिश्नर रघुवीर लाल ने कहा, हम किसी भी एंगल को नजरअंदाज नहीं कर रहे चाहे वो पटाखे हों या साजिश. हर पहलू की गहराई से जांच होगी. इसी बीच, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, एनआईए (National Investigation Agency) भी इस मामले में एक्टिव है. लखनऊ स्थित एनआईए ब्रांच से एक टीम को कानपुर भेजे जाने की तैयारी चल रही है ताकि ब्लास्ट की प्रकृति और विस्फोटक सामग्री का फोरेंसिक विश्लेषण किया जा सके.

धमाके के बाद स्कूटी की जांच करते पुलिस अधिकारी (Photo: PTI)

घटना के वक्त अफवाहों से मचा हड़कंप

धमाके के तुरंत बाद इलाके में अफवाहें फैलने लगीं. कुछ लोगों ने कहा कि बम फेंका गया, तो कुछ ने आतंकी हमला बताना शुरू कर दिया. स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने फोर्स तैनात कर इलाके की घेराबंदी की. भीड़ को शांत करने के लिए पुलिस अधिकारियों को खुद मौके पर पहुंचना पड़ा. पुलिस कमिश्नर ने बताया, शुरुआती अफवाहों की वजह से अस्पतालों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया था. हमने तुरंत स्थिति संभाली और स्पष्ट किया कि यह कोई आतंकी हमला नहीं, बल्कि संभवतः पटाखों से जुड़ा हादसा है.

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फोरेंसिक और बम स्क्वॉड ने संभाली जांच

घटनास्थल पर बम निरोधक दस्ता, एंटी-सबोटाज टीम और फोरेंसिक विशेषज्ञ तैनात किए गए हैं. विस्फोटक के नमूने लिए गए हैं जिन्हें लखनऊ की प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया है. पुलिस को उम्मीद है कि रिपोर्ट से स्पष्ट होगा कि धमाका पटाखों की वजह से हुआ या किसी अन्य विस्फोटक सामग्री से.

अब होगी सख्त निगरानी

इस हादसे के बाद कानपुर पुलिस ने शहर के सभी बाजारों और गोदामों में अवैध पटाखों के खिलाफ अभियान चलाने का फैसला किया है. पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी व्यापारी को बिना लाइसेंस पटाखे बेचते पाया गया तो सीधी जेल भेजा जाएगा. कमिश्नर रघुवीर लाल ने कहा, हम शहर के हर कोने में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. त्योहार के समय किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी. सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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