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लखनऊ जेल में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर हमला, सिर में गंभीर चोट

लखनऊ जेल में बंद समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर एक बंदी ने हमला कर दिया. साफ-सफाई को लेकर हुई कहा-सुनी के बाद सफाई करने वाले कैदी ने उनके सिर पर वार किया. हमले में प्रजापति गंभीर रूप से घायल हो गए. घटना के बाद जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं.

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समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद (Photo: ITG)
समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद (Photo: ITG)

लखनऊ में समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री और खनन घोटाले में आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति पर जेल के अंदर हमला हुआ है. घटना लखनऊ जेल की है, जहां एक दूसरे बंदी ने उन पर हमला कर दिया. बताया जा रहा है कि यह विवाद साफ-सफाई को लेकर शुरू हुआ था. जानकारी के अनुसार, जेल में बंद सफाई का काम करने वाले कैदी से प्रजापति की कहासुनी हो गई. कहासुनी के बाद आरोपी बंदी ने उन पर हमला कर दिया. हमले में गायत्री प्रसाद प्रजापति के सिर में गंभीर चोट आई है. घटना के तुरंत बाद जेल प्रशासन हरकत में आया और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया.  गायत्री प्रसाद प्रजापति केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया. 

गायत्री प्रसाद प्रजापति पर जेल में हमला

पूर्व मंत्री पर हुए इस हमले के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है. सुरक्षा व्यवस्था और बंदियों के बीच आपसी विवाद को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं. जेल में बंद हाई-प्रोफाइल कैदियों की सुरक्षा हमेशा से प्रशासन के लिए चुनौती मानी जाती रही है. जानकारी के मुताबिक अस्पताल में सफाई ड्यूटी पर लगे एक बंदी से उनकी कहासुनी हुई फिर धक्का-मुक्की होने लगी.  इस दौरान सफाई ड्यूटी पर लगे बंदी ने गुस्से में उन्हें अलमारी के नीचे का स्लाइड का हिस्सा मार दिया. जिससे गायत्री प्रजापति को सतही चोट (superficial injury) आ गई. आवश्यक इलाज के उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया. 

सफाई को लेकर दूसरे कैदी से हुई थी कहासुनी

बता दें, गायत्री प्रसाद प्रजापति समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. उन पर खनन घोटाले समेत कई गंभीर मामले दर्ज हैं और इसी मामले में वे लंबे समय से जेल में बंद हैं. जेल के अंदर इस तरह का हमला न सिर्फ प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि कैदियों के बीच बढ़ते तनाव को भी उजागर करता है. इस घटना के बाद से जेल अधिकारियों पर दबाव बढ़ गया है कि वे सुरक्षा इंतजामों को और सख्त करें और कैदियों के बीच विवाद की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं.

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