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विन्ध्याचल मंदिर में नए जजमान से दक्षिणा लेने पर दो पंडों में मारपीट, 25 पुलिसकर्मियों पर एक साथ एक्शन   

विन्ध्याचल मंदिर में नए जजमान से दक्षिणा लेने को लेकर दो पंडों के बीच मारपीट के मामले में बड़ा एक्शन हुआ है. मिर्जापुर के पुलिस अधीक्षक ने विंध्याचल चौकी प्रभारी सहित 24 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है. वहीं एक और पुलिसकर्मी पर अलग से निलंबन की कार्रवाई की है.

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विन्ध्याचल मंदिर में दाे पंडों में मारपीट हो गई. (File Photo)
विन्ध्याचल मंदिर में दाे पंडों में मारपीट हो गई. (File Photo)

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित पौराणिक और श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र मां विंध्यवासिनी धाम में जमकर मारपीट हुई. विवाद दर्शन-पूजन के दौरान मिलने वाली दक्षिणा को लेकर दो पंडों के बीच हुआ था, जो देखते ही देखते हिंसक झगड़े में बदल गया. स्थिति इतनी बिगड़ी कि मंदिर परिसर में मौजूद अन्य श्रद्धालु भी दहशत में आ गए.

इस पूरे मामले में पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता और संवेदनशील स्थान की सुरक्षा में लापरवाही सामने आने पर मिर्जापुर के पुलिस अधीक्षक ने बड़ा कदम उठाते हुए विंध्याचल चौकी प्रभारी सहित 24 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है. वहीं एक और पुलिसकर्मी पर अलग से निलंबन की कार्रवाई की गई है, यानी कुल 25 पुलिसकर्मियों पर एक साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है.

घटना 23 जुलाई की है. जानकारी के अनुसार, एक पांडा निवेदित ने मंदिर आने वाले एक नए जजमान को दर्शन-पूजन कराया. इसी बात पर दूसरा पांडा गुट भड़क गया. आरोप है कि दूसरे गुट के तीन पांड़ों ने पहले बहस की और फिर अचानक निवेदित पर हमला कर दिया. घटना मंदिर परिसर से सटे एक दुकान के पास हुई, जहां एक धारदार कैची से निवेदित के चेहरे और हाथ पर हमला किया गया. घायल पांडा को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई गई. घटना के बाद घायल पांडा ने पुलिस में तहरीर दी, जिसमें स्पष्ट रूप से बताया गया कि दक्षिणा को लेकर पहले से रंजिश चल रही थी, और नए जजमान को पूजा कराने पर यह हमला किया गया है.

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मामले की गंभीरता को देखते हुए विंध्याचल कोतवाली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है. उनके पास से हमला करने में इस्तेमाल की गई धारदार कैची भी बरामद की गई है. अपर पुलिस अधीक्षक नितेश सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए हैं, और उन फुटेज के आधार पर केस की धाराएं और भी गंभीर की जा रही हैं. पुलिस ने साफ किया है कि यह केवल व्यक्तिगत विवाद नहीं, बल्कि सार्वजनिक शांति और धार्मिक स्थल की गरिमा के खिलाफ आपराधिक आचरण है.
 

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