कानपुर में बुधवार शाम उस समय हड़कंप मच गया, जब कैंट पुलिस को एक युवक द्वारा फर्जी बम की सूचना दी गई. पुलिस के पास आए कॉल पर कहा गया कि पोस्ट ऑफिस के पास रखा बम मैंने खुद डिफ्यूज कर दिया है. इस कॉल के साथ ही पुलिस, आर्मी, एनआईए और बम निरोधक दस्ता तुरंत हरकत में आ गए.
संदिग्ध बॉक्स मिलने के बाद पूरे इलाके को खाली कराया गया और हाई-लेवल सुरक्षा जांच शुरू की गई. बाद में जब बॉक्स से कोई भी विस्फोटक सामग्री न मिलने पर मामला फर्जी निकला, तो पुलिस को पता चला कि कॉल करने वाला युवक मानसिक रूप से अस्वस्थ है. इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को कुछ समय के लिए अलर्ट मोड पर ला दिया और पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बना रहा.
सूचना को गंभीरता से लेते हुए एसीपी कैंट, स्थानीय पुलिस फोर्स, आर्मी यूनिट, एनआईए, एलआईयू और बम निरोधक दस्ता तुरंत मौके पर पहुंचा. वहां मौके पर संदिग्ध बॉक्स दिखा तो तुरंत पूरा क्षेत्र खाली करा लिया गया और सुरक्षा टीम ने जांच-पड़ताल शुरू की.
जांच के दौरान बॉक्स में कोई विस्फोटक नहीं मिला. अंदर केवल सिलिकॉन पेपर, पावर बैंक की बैटरी और एक पेन से लिखा हुआ नोट था. उसमें लिखा था कि मैं ऋषभ जायसवाल. मैंने पावर बैंक में मौजूद न्यूक्लियर रेडियोएक्टिव बम को निष्क्रिय कर दिया है. कृपया मेरे घर आकर इसकी पुष्टि करें.
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युवक के परिजनों ने बताया कि युवक मानसिक रूप से बीमार है. वहीं इस पूरे मामले को लेकर एसीपी आकांक्षा पांडे ने बताया कि बॉक्स में बम जैसी कोई चीज नहीं थी. बॉक्स पर जो पर्ची मिली, उसमें हरबंश मोहाल के रहने वाले ऋषभ जायसवाल का नाम और पता लिखा था.
पुलिस उसके घर पहुंची और पूछताछ की. इस दौरान उसके परिजनों ने बताया कि वह मानसिक रूप से अस्वस्थ है और कई वर्षों से उसका इलाज चल रहा है. पुलिस और अन्य एजेंसियों ने क्षेत्र में पूछताछ कर स्थिति की पुष्टि की. अधिकारियों का कहना है कि सूचना झूठी थी, लेकिन फिर भी सुरक्षा के लिहाज से पूरी जांच की जा रही है.