यूपी के संभल में फर्जी आधार के जरिए वोटर आईडी बनवाने का मामला सामने आया है, जिसने व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. जांच के दौरान सामने आया कि कुछ ग्रामीणों ने जानबूझकर फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर वोट बनवाने की कोशिश की. मामला उजागर होने के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
जानकारी के मुताबिक, यह मामला संभल के असमोली थाना क्षेत्र के बिलालपत गांव का है. यहां बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को फर्जी आधार कार्ड और अन्य जाली दस्तावेज सौंपे थे. शुरुआती स्तर पर जब दस्तावेजों की जांच की गई तो उनमें कई खामियां पाई गईं. इसके बाद प्रशासन ने पूरे मामले की गहन जांच शुरू कराई, जिसमें बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.
यह भी पढ़ें: रोहिंग्या-बांग्लादेशियों को 2,000 से 40,000 रुपये में फर्जी आधार कार्ड, गिरोह का भंडाफोड़, 8 गिरफ्तार
जैसे ही यह मामला जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया के संज्ञान में आया, उन्होंने तत्काल सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए. डीएम के आदेश पर संबंधित लेखपाल ने करीब चार दर्जन ग्रामीणों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया है. प्रशासन का कहना है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वोटर आईडी बनवाने की कोशिश लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ गंभीर अपराध है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
डीएम के निर्देश पर तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह को पूरे मामले की जांच सौंपी गई है. तहसीलदार अपनी टीम के साथ यह पता लगाने में जुटे हैं कि फर्जी आधार कार्ड कैसे बनाए गए, इसमें किन-किन लोगों की भूमिका रही और क्या इस गिरोह का दायरा और गांवों तक फैला हुआ है. यह भी जांच की जा रही है कि कहीं कोई लापरवाही तो इस फर्जीवाड़े की वजह नहीं बनी. प्रशासन ने साफ किया है कि जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.