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UP: घूंघट वाली IAS कृति राज के बाद सुर्खियों में डीएम दुर्गा शक्ति, सरकारी स्कूल पहुंचीं तो मच गया हड़कंप

फिरोजाबाद की घूंघट वाली आईएएस महिला अफसर के बाद बांदा की आईएएस महिला अब सुर्खियों में है. डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल अचानक बड़ोखर ब्लॉक में बने सरकारी स्कूल पहुंच गई. महिला डीएम ने पहले एक शिक्षक की भूमिका निभाते हुए बच्चों का क्लास टीचर बन गईं. फिर उन्होंने क्लास 6 और 8 के स्टूडेंट्स से हिंदी, विज्ञान और पर्यावरण के संबंध में कुछ सवाल किए.

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DM ने शिक्षक की भूमिका निभाई.
DM ने शिक्षक की भूमिका निभाई.

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद की घूंघट वाली आईएएस महिला अफसर के बाद बांदा की आईएएस महिला अब सुर्खियों में है. बांदा में महिला आईएएस ने सरकारी स्कूल में औचक निरीक्षण की. स्कूल में कमी मिलने पर स्कूल स्टाफ और टीचरों पर कार्रवाई के आदेश बेसिक शिक्षा अधिकारी को दी हैं. वहीं, अधिकारी का कहना है कि कुछ माह में बांदा के स्कूलों की परिस्थितियों में बदलाव देखने को मिला है.  

दरअसल, बांदा की डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल अचानक बड़ोखर ब्लॉक में बने सरकारी स्कूल पहुंच गई. महिला डीएम ने पहले एक शिक्षक की भूमिका निभाते हुए बच्चों का क्लास टीचर बन गईं. फिर उन्होंने शिक्षा गुणवत्ता को परखने के लिए क्लास 6 और 8 के स्टूडेंट्स से हिंदी, विज्ञान और पर्यावरण के संबंध में कुछ सवाल किए. इसके जवाब कुछ बच्चे नही दे सकें.

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कमजोर बच्चों को विशेष रूप से ध्यान देने के आदेश

उन्होंने स्कूल में बच्चों की उपस्थिति का रजिस्टर, मिड डे मील समेत अन्य व्यवस्थाओं को भी चेक किया. शिक्षा गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए पूरे स्टाफ पर कार्रवाई के आदेश दिए. उन्होंने स्टाफ को 100 फीसदी बच्चों की उपस्थिति के साथ कमजोर बच्चों को विशेष रूप से ध्यान देने के साथ आगे बैठाने और उनकी शिक्षा व्यवस्था पर नजर रखने के आदेश दिए हैं. 

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महीने में 5 स्कूलों का निरीक्षण

डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने बताया कि पूरे जिले के अधिकारियों को नियमित रूप से विद्यालयों की चेकिंग अभियान में लगाया गया है. इसी क्रम में मैं भी महीने में 5 स्कूलों का निरीक्षण करती हूं, जो औचक होते हैं. स्कूल के निरिक्षण में देखा जाता है कि बच्चो का पढ़ाई का लेवल कैसा है. व्यवस्थाओ की जांच की जाती हैं. मैंने बड़ोखर ब्लॉक के परम पुरवा गांव के दो स्कूलों का औचक निरिक्षण किया.

'कुछ माह में बांदा के स्कूलों की परिस्थितियों में बदलाव'

वहां स्कूल में बच्चों की उपस्थिति कम दिखी. पता चला कि गेहूं की कटाई का समय आ गया है, जिस पर कुछ बच्चे स्कूल नहीं आते. कुछ तो खाना खाकर घर चले जाते हैं. इस पर टीचरों का स्पष्टीकरण कॉल किया गया है. मैंने शिक्षा गुणवत्ता की भी जांच की, जिसमें कुछ बच्चे जवाब नहीं दे पाए. हमने ये निर्देश दिए हैं कि ऐसे बच्चों को आगे बैठाया जाए. ताकि शिक्षक की नजरों पर बनी रहे. साथ ही बुधवार और शनिवार को रिवीजन का दिन निर्धारित करने के आदेश दिए हैं. पिछले कुछ माह में बांदा के स्कूलों की परिस्थितियों में बदलाव देखने को मिला है.

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