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इकलौते बेटे की मौत से टूटा डॉक्टर पिता का सपना, जिस मेडिकल कॉलेज से खुद किया MBBS वहीं दिलवाया था एडमिशन 

लखनऊ से झांसी लौटने के बाद जब सार्थक हॉस्टल पहुंचा, तो किसी को क्या पता था कि वह अब कभी घर वापस नहीं लौटेगा. वह हॉस्टल में अपने रूम में ना जाकर दोस्त के कमरे में चला गया. बताया जा रहा है कि बालकनी से उसका संतुलन बिगड़ा और वह दूसरी मंजिल से नीचे गिर गया. सुबह जब हॉस्टल के अन्य छात्रों ने उसे बेसुध जमीन पर पड़ा देखा तब तक बहुत देर हो चुकी थी.

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झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के MBBS छात्र सार्थक खन्ना की मौत हो गई
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के MBBS छात्र सार्थक खन्ना की मौत हो गई

लखनऊ के सीनियर डॉक्टर रवि खन्ना ने बड़े अरमानों के साथ अपने इकलौते बेटे सार्थक को मेडिकल की तैयारी करने को कहा. उन्होंने चाहा था कि बेटा उन्हीं की तरह एक रोगियों की सेवा करे, समाज में नाम कमाए और परिवार का सिर ऊंचा करे. सार्थक ने भी पिता की उम्मीदों पर पूरी तरह खरा उतरते हुए पहले ही प्रयास में NEET पास कर ली.

यह गर्व का क्षण तब और भी खास बन गया जब उसका चयन झांसी के उसी मेडिकल कॉलेज में हुआ, जहां से उसके पिता ने कभी MBBS की पढ़ाई की थी. लेकिन किसे पता था कि जिस कॉलेज से सार्थक को MBBS की डिग्री लेकर आना था वहीं से अब वह सिर्फ यादों में लौट रहा है. हॉस्टल की दूसरी मंजिल की बालकनी से गिर कर उसकी मौत ने कई सपने तोड़ दिए.  

रात में ही घर से लौटा था 

लखनऊ से झांसी लौटने के बाद जब सार्थक हॉस्टल पहुंचा, तो किसी को क्या पता था कि वह अब कभी घर वापस नहीं लौटेगा. रातभर की यात्रा के बाद वह अपने हॉस्टल के रूम नंबर 58 में ना जाकर दोस्त के रूम नंबर 60 में चला गया. बताया जा रहा है कि वहीं देर रात उसे उल्टियां होने लगीं और इसी दौरान आशंका जताई जा रही है कि बालकनी से उसका संतुलन बिगड़ा और वह दूसरी मंजिल से नीचे गिर गया. सुबह जब हॉस्टल के अन्य छात्रों ने उसे बेसुध जमीन पर पड़ा देखा तब तक बहुत देर हो चुकी थी. मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में लाया गया, लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं सके.

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 उस रात हादसा या लापरवाही  

झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के सरदार वल्लभभाई पटेल हॉस्टल के रूम नंबर 60 से सार्थक के गिरने की खबर से कॉलेज परिसर में सनसनी फैल गई. वह  MBBS तृतीय वर्ष का छात्र था. वह पैरामेडिकल विंग के हॉस्टल में रह रहा था. साथियों के अनुसार वह उसी रात इंटरसिटी एक्सप्रेस से लखनऊ से झांसी लौटा था. वह अपने मित्र के कमरे में था, जहां बालकनी से शायद उसका संतुलन बिगड़ने के कारण दूसरी मंज़ल से नीचे गिर पड़ा.

प्राचार्य ने क्या बताया 

कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मयंक सिंह ने मीडिया को बताया, सार्थक 2022 बैच का छात्र था. सुबह लगभग 7.30 बजे हॉस्टल के अन्य छात्रों ने उसे नीचे गिरा हुआ देखा. उसे तुरंत इमरजेंसी लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. उसके सिर में गंभीर चोटें थीं. हॉस्टल के सुपरवाइजर शैलेन्द्र ने बताया सुबह ड्यूटी के समय सूचना मिली कि एक छात्र फिसलकर गिर गया है. उसे तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी. फिलहाल, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है. झांसी पुलिस ने बताया कि घटना के विभिन्न पहलुओं की जांच की जा रही है. हॉस्टल में लगे CCTV कैमरों की फुटेज को खंगाला जा रहा है और कमरे में मौजूद छात्रों से पूछताछ जारी है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति और स्पष्ट हो सकेगी.

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एक सपने की असमय मौत

सार्थक की मौत ने पूरे मेडिकल कॉलेज में शोक की लहर दौड़ा दी है. जैसे ही यह खबर सार्थक के परिवार को लगी कोहराम मच गया. मां बेसुध हो गई तो पिता को कुछ समझ में ही नहीं आया. आसपास के लोगों ने किसी तरह उन्हें संभाला. परिवार को इस खबर पर विश्वास ही नहीं हो रहा था.

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