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महामहिम राज्यपाल हाजिर हों! बदायूं के SDM ने जारी किया समन, राजभवन में मचा हड़कंप

बदायूं में सदर तहसील के एसडीएम ने राज्यपाल के नाम समन जारी कर उन्हें हाजिर होने का आदेश दे दिया. जैसे ही आदेश की कॉपी वायरल हुई हड़कंप मच गया. जिसपर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की ओर से उनके सचिव द्वारा डीएम को पत्र भेजकर चेतावनी जारी की गई है. 

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राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (फ़ाइल फोटो/PTI)
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (फ़ाइल फोटो/PTI)

उत्तर प्रदेश के बदायूं में सदर तहसील के एसडीएम ने राज्यपाल के नाम समन जारी कर उन्हें हाजिर होने का आदेश दे दिया. जैसे ही आदेश की कॉपी वायरल हुई हड़कंप मच गया. जिसपर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की ओर से उनके सचिव द्वारा डीएम को पत्र भेजकर चेतावनी जारी की गई है. 

इस पत्र में लिखा गया कि संविधान के अनुच्छेद 361 के अनुसार संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के खिलाफ कोई समन या नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है. फिर भी एसडीएम ने विधि-व्यवस्थाओं को नजरअंदाज करते हुए राज्यपाल के नाम समन जारी कर 18 अक्टूबर को SDM कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए हाजिर होने का आदेश दे दिया. 

क्या है पूरा मामला? 

बदायूं के ग्राम लोड़ा बहेड़ी निवासी चंद्रहास ने सदर तहसील के SDM न्यायिक कोर्ट में विपक्षी पक्षकार के रूप में लेखराज, पीडब्ल्यूडी के संबंधित अधिकारी व राज्यपाल को पक्षकार बनाते हुए बाद दायर किया था. SDM कोर्ट में दायर याचिका के मुताबिक, चंद्रहास की चाची कटोरी देवी की संपत्ति उनके एक रिश्तेदार ने अपने नाम दर्ज करा ली. इसके बाद में उसको लेखराज के नाम बेच दी. कुछ दिन बाद बदायूं बाईपास स्थित ग्राम बहेड़ी के समीप उक्त जमीन का कुछ हिस्सा शासन द्वारा अधिग्रहण किया गया. उस संपत्ति के अधिग्रहण होने के बाद लेखराज को शासन से करीब 12 लाख रुपये की धनराशि मुआवजे के रूप में मिली. 

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जिसकी जानकारी होने के बाद कटोरी देवी के भतीजे चंद्रहास ने सदर तहसील के न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में याचिका दायर कर दी. इस याचिका पर एसडीएम न्यायिक विनीत कुमार की कोर्ट से लेखराज एव प्रदेश के राज्यपाल को 07 अक्टूबर को धारा 144 राज्य संहिता के तहत एक समन जारी किया गया, जो 10 अक्टूबर को राजभवन पहुंचा. इस समन में राज्यपाल को 18 अक्टूबर को एसडीएम न्यायिक की कोर्ट में हाजिर होने और अपना पक्ष रखने को कहा गया. 

राज्यपाल के विशेष सचिव ने जताई आपत्ति

जिसपर राज्यपाल के विशेष सचिव बद्रीनाथ सिंह द्वारा 16 अक्टूबर को डीएम बदायूं को पत्र लिखा. पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया कि संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के खिलाफ कोई समन या नोटिस जारी नहीं किया जा सकता. राज्यपाल के सचिव ने संविधान के अनुच्छेद 361 का उल्लंघन मानते हुए एसडीएम के समन पर घोर आपत्ति दर्ज कराई. सचिव ने डीएम बदायूं से हस्तक्षेप कर नियमानुसार पक्ष रखने व नोटिस जारी करने वाले के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए. 

डीएम ने कही ये बात

इसपर डीएम मनोज कुमार ने बताया कि उनके कार्यालय को महामहिम राज्यपाल के सचिव का पत्र प्राप्त हुआ है. पत्र के माध्यम से ज्ञात हुआ कि राज्यपाल को एसडीएम सदर (न्यायिक) विनीत कुमार की कोर्ट से धारा 144 रा0स0 के तहत एक समन जारी किया गया था. राज्यपाल के विशेष सचिव बद्रीनाथ सिंह जी ने पत्र में बताया कि राज्यपाल को समन या नोटिस जारी नही किया जा सकता है. अतः सम्बंधित अधिकारी को ये बता दिया जाए कि ये धारा 361 का उल्लंघन है, जिससे भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो. 

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जिलाधिकारी ने कहा कि संबंधित न्यायिक मजिस्ट्रेट विनीत कुमार को राज्यपाल द्वारा जारी किए गए पत्र और चेतावनी से अवगत करा दिया गया है.

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