उत्तर प्रदेश ते बिजनौर से एक घटना सामने आई है जिसने हर पशुप्रेमी को झकझोर कर रख दिया है. यहां एक कपल पर आरोप है कि उन्होंने बर्बरता की हद पार करते हुए दो मासूम कुत्ते के बच्चों को उनकी मां से अलग कर कहीं दूर दूसरे इलाके में ले जाकर छोड़ दिया. आरोप के मुताबिक कपल की इस हरकत के बाद सिर्फ दो महीने के दोनों पिल्लों की जान पर खतरा मंडरा गया है.
घटना की शिकायत एनजीओ कार्यकर्ता संधिया रस्तोगी ने थाने में दर्ज कराई है, जो आनंद चैरिटेबल ट्रस्ट चलाती हैं. संधिया रस्तोगी के अनुसार यह कृत्य सुबह 8 बजे से 11 बजे के बीच किया गया और यह सीधे तौर पर पशु क्रूरता का घोर उदाहरण है. उन्होंने पुलिस को बताया कि मात्र दो महीने के पिल्ले न तो ठंड से खुद को बचा सकते हैं और न ही खुद की सुरक्षा बड़े जानवरों से कर सकते हैं. ऐसे में उन्हें उनकी मां से अलग कर जंगल या किसी अनजान जगह छोड़ आना, अप्रत्यक्ष रूप से उनकी हत्या के बराबर है.
एनजीओ कार्यकर्ता ने इस घटना को पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 का खुला उल्लंघन बताया है. शिकायत में साफ कहा गया है कि कुत्तों को जबरन उनके स्थान से हटाना ना सिर्फ कानूनन अपराध है बल्कि नैतिकता और इंसानियत के खिलाफ भी है.
उन्होंने ने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है. उनका कहना है कि या तो कपल तुरंत दोनों पिल्लों को सुरक्षित वापस लेकर आए, या फिर उनके खिलाफ हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर मासूम पिल्लों को किसी भी तरह की हानि पहुंची तो जिम्मेदार वही कपल होगा.
फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है, लेकिन स्थानीय लोगों और पशु प्रेमियों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है. लोग मांग कर रहे हैं कि निर्दोष जानवरों के खिलाफ ऐसी निर्दयता दिखाने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी इंसानियत को कलंकित करने वाली ऐसी हरकत करने से पहले सौ बार सोचे.