
अयोध्या की पावन धरती पर भक्ति, प्रकाश और संस्कृति का महान उत्सव 'अयोध्या दीपोत्सव 2025' की शुरुआत हो चुकी है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में दीपोत्सव में भाग लेने के लिए अयोध्या पहुंच गए हैं. दीपोत्सव के लिए सरयू तट पर भव्य झांकियां सज चुकी हैं और आंध्र प्रदेश से आए कलाकारों ने मां काली के बोनालु नृत्य की प्रस्तुति दी, जो तेलंगाना क्षेत्र में मनाए जाने वाले इस उत्सव के माध्यम से देवी महाकाली के प्रति सम्मान व्यक्त करता है. वहीं, आज अयोध्या में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित होगा.
अयोध्या में आज राम की पैड़ी पर 26 लाख से अधिक दीयों को प्रज्वलित करने का लक्ष्य रखा गया है जो सायं 5:50 बजे से 6:15 बजे तक होगा.
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निर्णायक रिचर्ड स्टेनिंग ने कहा, 'आज एक प्रयास था, कल हम एक अलग रिकॉर्ड की कोशिश करेंगे. कल भी आज की तरह प्रक्रिया होगी, जिसमें प्रवेश करने वालों का क्यूआर कोड स्कैनिंग होगी. क्षेत्रों को अलग-अलग किया जाएगा, और प्रत्येक क्षेत्र में दो प्रबंधक होंगे जो ये सुनिश्चित करेंगे कि दीप प्रज्वलित हों और सब कुछ व्यवस्थित हो. किसी भी असमानता को कुल संख्या से घटाया जाएगा. उम्मीद है कि रिकॉर्ड टूटेगा.'
दीपोत्सव का शेड्यूल
'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का संदेश
जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि 18 अक्टूबर की शाम 6 बजे सरयू तट पर 2100 श्रद्धालुओं ने महाआरती का अभ्यास किया जो दीपोत्सव की मुख्य संध्या की झलक पेश करेगा. ये आयोजन विभिन्न समाजों के लोगों को एकजुट कर "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" का संदेश देगा. लेजर, लाइट एंड साउंड और ड्रोन शो का भी अभ्यास हुआ जो भगवान श्रीराम के जीवन प्रसंगों को रोशनी और ध्वनि से प्रस्तुत करेगा.

उन्होंने बताया कि 19 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम के बाद रात्रि 8:30 बजे से राम की पैड़ी पर लेजर, लाइट एंड साउंड और ड्रोन शो का भव्य आयोजन होगा. अयोध्या नगरी दीयों की रौशनी से जगमगाएगी और सरयू तट से उठती भक्ति ध्वनि वातावरण को आलोकित करेगी.
वहीं, दीपोत्सव के उत्सव की निरंतरता बनाए रखने के लिए 20 अक्टूबर को शाम 7 बजे से भी राम की पैड़ी पर लेजर, लाइट एंड साउंड एवं ड्रोन शो का आयोजन किया जाएगा. इससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को तीनों दिन अयोध्या के दिव्य स्वरूप का अनुभव प्राप्त होगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को तकनीकी गुणवत्ता, सुरक्षा और सौंदर्य पर ध्यान देने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि अयोध्या को दीपोत्सव के माध्यम से भक्ति, संस्कृति और आधुनिकता का वैश्विक प्रतीक बनाया जाए.