भारतीय डॉक्टरों ने एक रूसी प्रयोगशाला के सहयोग से एक ऐसे सॉफ्टवेयर को विकसित करने में सफलता हासिल की है जो मलेरिया, डेंगू और अन्य वायरल बुखार में अंतर बता देगा. इन सभी रोगों के लक्षण समान होने के कारण इनमें भेद करना बहुत चुनौतीपूर्ण होता था. सॉफ्टवेयर का विकास राजधानी के सर गंगाराम अस्पताल और सेंट पीटर्सबर्ग के लैब टेक लिमिटेड द्वारा किया गया है. उम्मीद है कि इस सॉफ्टवेयर के कारण रोग का जल्द पता चलेगा, इलाज की लागत कम होगी और रोगी को बहुत कम एंटीबायोटिक दवाएं देने की जरूरत होगी.
सर गंगाराम अस्पताल के खून संबंधी रोगों के विभाग की अध्यक्ष मनोरमा भार्गव ने कहा कि डॉक्टरों के सामने मलेरिया और डेंगू को अलग करने में भारी कठिनाई आती थी, क्योंकि दोनों के लक्षण समान हैं.
भार्गव ने कहा कि मानसून और उसके बाद उत्तर भारत में मलेरिया और अन्य वायरल संक्रमण चरम पर होता है. इस समय डेंगू को मलेरिया से अलग करने के लिए काफी अधिक टेस्ट किए जाते हैं और उनके परिणाम आने तक दोनों रोगों की दवाएं एक साथ चलाई जाती हैं. इससे इलाज का खर्च बढ़ता है और अनावश्यक एंटीबायोटिक दवाएं देनी होती हैं.
इस संबंध में एक शोध पत्र 15 जून को अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हो चुका है.