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'भगवा' संगठन की मांग, CBSE के कोर्स से हटाई जाए विदेशी भाषा

HRD मिनिस्ट्री ने जब से यह ऐलान किया है कि केंद्रीय विद्यालयों के कोर्स से तीसरी भाषा के रूप में जर्मन हटाई जाएगी, तब से एक नई तरह की पहल जोर पकड़ती दिख रही है. आरएसएस से जुड़े संगठन संस्कृत भारती ने मांग की है कि CBSE से मान्यता प्राप्त स्कूलों में 12वीं क्लास तक संस्कृत की पढ़ाई अनिवार्य की जाए.

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HRD मिनिस्टर स्मृति ईरानी
HRD मिनिस्टर स्मृति ईरानी

HRD मिनिस्ट्री ने जब से यह ऐलान किया है कि केंद्रीय विद्यालयों के कोर्स से तीसरी भाषा के रूप में जर्मन हटाई जाएगी, तब से एक नई तरह की पहल जोर पकड़ती दिख रही है. आरएसएस से जुड़े संगठन संस्कृत भारती ने अब मांग की है कि CBSE से मान्यता प्राप्त स्कूलों में 12वीं क्लास तक संस्कृत की पढ़ाई अनिवार्य की जाए. केंद्रीय विद्यालयों में अब जर्मन की जगह पढ़ाई जाएगी संस्कृत

संस्कृत भारती व आरएसएस के प्रचारक दिनेश कामत ने कहा कि भारत व संस्कृत, दोनों एक ही हैं. उन्होंने सवाल खड़ा किया कि कोई शख्स संस्कृत को जाने-समझे बगैर किस तरह भारतीय हो सकता है. दिनेश ने कहा कि अगर CBSE के स्कूलों के कोर्स से तीसरी भाषा के रूप में विदेशी भाषा को नहीं हटाया गया, तो उनका संगठन आंदोलन खड़ा करेगा.

गौरतलब है HRD मिनिस्ट्री केंद्रीय विद्यालयों के कोर्स से तीसरी भाषा के रूप में जर्मन हटाए जाने का ऐलान कर चुका है. जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने पीएम नरेंद्र मोदी से इस बारे में फिर से विचार करने की गुजारिश की है.

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