प्रियंका गांधी वाड्रा और रॉबर्ट वाड्रा के बेटे रेहान राजीव वाड्रा एक विजुअल आर्टिस्ट हैं. रेहान भारत के अलग-अलग शहरों में अपने आर्टवर्क की प्रदर्शनी लगा चुके हैं. वह एक आर्ट कलेक्टिव के को-फाउंडर भी हैं. रेहान की जिंदगी पर नजर डालते ही पता लग जाता है कि वो एक बढ़िया कलाकार हैं. उनकी कला में गहरी रुचि है और यही उनका शौक और पेशा भी है.
रेहान राजीव वाड्रा एक क्यूरेटर भी हैं. उन्होंने कई आर्ट एग्जिबीशन के लिए क्यूरेटर के तौर पर काम किया है. उनकी खासियत ही विजुअल आर्ट वर्क और इंस्टॉलेशन में हैं. उनके विज़ुअल कामों में वाइल्डलाइफ और स्ट्रीट से लेकर कमर्शियल फोटोग्राफी तक के विषय शामिल हैं.
रेहान ने देहरादून से स्कूली पढ़ाई की और आगे की पढ़ाई लंदन से की है. पब्लिक डोमेन में उनके एजुकेशन को लेकर ज्यादा जानकारियां नहीं हैं, लेकिन उनके आर्ट वर्क और कला के प्रति लगाव से जुड़ी जानकारियां उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर मौजूद हैं.इससे पता चलता है कि वो एक बेहतर आर्टिस्ट हैं.
रेहान एक बेहतर कलाकार
रेहान की खासियत उनके इंस्टॉलेशन और इमर्सिव आर्टवर्क में है, जो अपनी विज़ुअल आर्ट और इंस्टॉलेशन के जरिए ऐसे अनुभव बताते हैं जो दर्शकों को अपने जटिल कॉन्सेप्ट्स से मोहित कर लेते हैं. रेहान अपनी जिंदगी के अनुभवों और रोजमर्रा की जिंदगी की जानी-पहचानी घटनाओं का इस्तेमाल अपने आर्टवर्क में करते हैं.
भारत के बड़े शहरों में लगा चुके हैं एग्जीबिशन
इनके थीम 'चॉइस, कंट्रोल एंड यूनिटी' जैसे कॉन्सेप्ट्स होते हैं. 2021 में, उन्होंने पहली सोलो प्रदर्शनी 'डार्क परसेप्शन' लगाई थी. उसी साल बाद में उन्होंने कोलकाता में द इंडिया स्टोरी में भी प्रदर्शनी लगाई थी. दिसंबर 2022 में, रेहान का दूसरा सोलो शो 'अनुमान' हुआ. अनुमान, डार्क परसेप्शन की तरह ही, 'चॉइस एंड फ्रीडम' के कॉन्सेप्ट पर आधारित एक इमर्सिव कला प्रदर्शनी थी.
रेहान ने आर्ट कलेक्टिव 'यू कैन नॉट मिस दिस' के को-फाउंडर हैं. यह पूरी तरह से एक स्वतंत्र आर्ट कलेक्टिव है जिसमें स्वतंत्र कलाकारों के समूह के मल्टीमीडिया काम शामिल होते हैं. पहला 'यू कैन नॉट मिस दिस' शो फरवरी 2023 में हुआ था और यह इंडिया आर्ट फेयर यंग कलेक्टर्स प्रोग्राम का हिस्सा था. कलेक्टिव का दूसरा शो मुंबई में मेथड आर्ट गैलरी के साथ उनके जुहू गैलरी में सहयोग से आयोजित किया गया था. मुंबई में यह शो 9 नवंबर से 18 दिसंबर तक चला.