scorecardresearch
 

पुष्कर मेले में वायरल हो रहा है घोड़ों और घोड़ियों का डांस, विदेशी सैलानी हुए दीवाने

पुष्कर मेले में इस बार आकर्षण का केंद्र बना घोड़ों और घोड़ियों का डांस. ढोल-नगाड़ों की थाप पर सजे-धजे घोड़े जब ताल से थिरकते हैं, तो देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ती है. पूरे मैदान में ढोल और ताशों की आवाज़ के साथ घोड़ों की चाल का तालमेल ऐसा दिखता है.

Advertisement
X
वीडियो में घोड़े और घोड़ियां ताल पर थिरकते हुए नजर आ रहे हैं (Photo:ITG)
वीडियो में घोड़े और घोड़ियां ताल पर थिरकते हुए नजर आ रहे हैं (Photo:ITG)

राजस्थान के अजमेर ज़िले में सजा पुष्कर मेला इस समय पूरे शबाब पर है. 'पधारो म्हारे देश'- राजस्थान पर्यटन की ये टैगलाइन इस वक्त एकदम सही बैठती है. देश-दुनिया से हजारों सैलानी यहां पहुंच रहे हैं और पुष्कर की रेत में सजी इस सांस्कृतिक रौनक का हिस्सा बन रहे हैं

हर साल की तरह इस बार भी ऊंट, घोड़े और विदेशी पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है, लेकिन इस बार मेले में सबसे ज्यादा ध्यान खींच रहा है घोड़ों और घोड़ियों का डांस.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में घोड़े और घोड़ियां ताल पर थिरकते हुए नजर आ रहे हैं. मेले में पहुंचे पर्यटक इस नजारे को देखकर हैरान रह गए. 

अजमेर जिले के पुष्कर शहर में 30 अक्टूबर से शुरू हुआ यह मेला 6 नवंबर तक चलेगा. हर साल की तरह इस बार भी यहां व्यापार, भक्ति और परंपरा का शानदार संगम देखने को मिल रहा है.

ढोल-मंजीरे की थाप पर थिरके सजे-धजे घोड़े

देशभर से आए 18 घोड़ों ने पुष्कर मेले में अपने शानदार डांस से समां बांध दिया. नागिन डांस से लेकर धमाल नृत्य तक, इन घोड़ों ने ऐसा प्रदर्शन किया कि देखने वालों की भीड़ झूम उठी. देशी ही नहीं, विदेशी सैलानी भी इस नज़ारे को देखने के लिए बड़ी संख्या में मैदान में इकट्ठा हुए थे.

Advertisement

ढोल-मंजीरे और नगाड़ों की थाप पर जब ये घोड़े पैरों में पाजेब बांधकर थिरकते हैं, तो दृश्य किसी राजस्थानी लोकनृत्य से कम नहीं लगता. हर कदम पर ताल, लय और संगीत का ऐसा संगम देखने को मिला कि दर्शक रोमांचित हो उठे.

‘बंदूक’ नाम के घोड़े के मालिक अरबाज़ ने बताया कि वह बचपन से इसे ट्रेन कर रहे हैं. रोजाना अभ्यास कराना पड़ता है, तभी यह संगीत की थाप को पहचान पाता है. वहीं ‘कोहिनूर’ नाम के घोड़े के मालिक पवन, जो जोधपुर से आए थे, ने धमाल नृत्य दिखाकर लोगों का दिल जीत लिया.


देखें वी़डियो

पवन ने बताया कि एक घोड़े को इस स्तर तक तैयार करने में कई साल लग जाते हैं. कौन-सा घोड़ा कैसे नाचता है, यह उसकी कमर की लचक और पैरों की ताल पर निर्भर करता है.कभी ये घोड़े डिस्को स्टाइल में नाचते नजर आते हैं तो कभी दोनों आगे के पैर उठाकर सिर्फ दो पैरों पर थिरकते हैं.

 

इस मेले में हर दिन धार्मिक अनुष्ठान, पशु व्यापार, लोककला और पारंपरिक प्रतियोगिताओं का संगम देखने को मिल रहा है. घोड़ों का यह डांस अब पुष्कर मेले की नई पहचान बनता जा रहा है.इस मेले में दूर-दूर के रेगिस्तानी गांवों से लाए गए ऊंटों को बड़ी खूबसूरती से सजाया-संवारा जाता है. फूल-मालाओं से सजे, रंग-बिरंगे कपड़ों से ढंके, और गर्व से मैदान में उतारे गए ये ऊंट राजस्थान की संस्कृति और लोकजीवन की झलक पेश करते हैं.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement