ब्रिटेन के स्टॉकपोर्ट की एक मां की कहानी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. 41 साल की नटाली फिशर को अचानक तेज सिरदर्द हुआ और वह आराम करने बिस्तर पर चली गईं. इसके बाद वह बेहोश हो गईं और परिवार ने एंबुलेंस बुलाई. जांच में सामने आया कि उन्हें ब्रेन एन्यूरिज्म हुआ है.यानी दिमाग की धमनी फटने से स्ट्रोक. दरअसल, ब्रेन एन्यूरिज्म दिमाग की धमनियों में असामान्य उभार है. जब यह फटता है, तो दिमाग में खून बहने लगता है और स्ट्रोक हो सकता है.
6 हफ्ते तक कोमा में रहीं
नटाली को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां वह करीब 6 हफ्तों तक कोमा में रहीं. डॉक्टरों ने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन नटाली का दावा है कि कोमा के दौरान भी उन्होंने आसपास की हर बात सुनी.परिवार की बातें, रोना और यहां तक कि डॉक्टरों की चर्चा कि उनकी लाइफ सपोर्ट मशीन हटानी पड़ सकती है.
'मैं चीखना चाहती थी, पर बोल नहीं पा रही थी'
नटाली ने बताया कि मैंने अपनी मां को कहते सुना कि हाथ दबाओ. मैं कोशिश कर रही थी, पर शरीर ने जवाब दे दिया. आंखें बंद थीं, आवाज नहीं निकल रही थी, लेकिन मैं सब महसूस कर रही थी.कोमा के दौरान नटाली ने दावा किया कि उन्होंने अपनी दिवंगत नानी को देखा. नानी ने कहा कि अपनी मां के पास वापस जाओ. इसके बाद ही उन्होंने पहली बार आंखें खोलीं।
सर्जरी ने बचाई जान
बाद में नटाली को सेल्फफोर्ड रॉयल अस्पताल में शिफ्ट किया गया, जहां डॉक्टरों ने ब्रेन सर्जरी कर उनकी नसों को मेटल क्लिप से सील किया. आखिरकार, 14 जनवरी 2025 को, करीब 6 हफ्तों बाद वो होश में आईं.
अब धीरे-धीरे हो रहा सुधार
नटाली अब खतरे से बाहर हैं, हालांकि वेंटिलेटर ट्यूब की वजह से उनकी आवाज और गले पर असर पड़ा है उन्होंने कहा कि मेरे बच्चे मेरी दुनिया हैं. मैं धीरे-धीरे छोटे-छोटे कदमों से ठीक हो रही हूं और मुझे यकीन है कि मैं फिर से पूरी तरह खड़ी हो जाऊंगी.
क्या कोमा में लोग सुन सकते हैं?
NHS के अनुसार, कई बार कोमा मरीजों का दिमाग आवाजों को प्रोसेस कर लेता है और वे परिचित आवाजें सुन सकते हैं, भले ही वे प्रतिक्रिया न दें.