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हेरिटेज साइट या ब्लैकबोर्ड? हुमायूं के मकबरे की दीवारों पर गंदी हरकत कैमरे में कैद, लोग बोले–शर्म करो

दिल्ली का ऐतिहासिक हुमायूं का मकबरा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस बार वजह इसकी खूबसूरती नहीं, बल्कि लोगों की लापरवाही और असंवेदनशीलता है. वायरल वीडियो में दिख रहा है कि कुछ लोग इस यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट की दीवारों को ऐसे खुरचते नजर आ रहे हैं, जैसे वो कोई स्कूल का ब्लैकबोर्ड हो.

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हुमायूं का मकबरा 1993 में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया था   (Photo: r/IndianCivicFails)
हुमायूं का मकबरा 1993 में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया था (Photo: r/IndianCivicFails)

दिल्ली का ऐतिहासिक हुमायूं का मकबरा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस बार वजह इसकी खूबसूरती नहीं, बल्कि लोगों की लापरवाही और असंवेदनशीलता है. वायरल वीडियो में दिख रहा है कि कुछ लोग इस यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट की दीवारों को ऐसे खुरचते नजर आ रहे हैं, जैसे वो कोई स्कूल का ब्लैकबोर्ड हो.

यह चौंकाने वाला वीडियो सबसे पहले r/IndianCivicFails रेडिट पर पोस्ट किया गया. वीडियो शेयर करने वाले यूजर ने कैप्शन में लिखा – ये लोग हुमायूं के मकबरे को एक ब्लैकबोर्ड की तरह ट्रीट कर रहे हैं.

वीडियो में साफ दिख रहा है कि कुछ लोग स्मारक की दीवारों पर अपने नाम लिख रहे हैं और वहां की दीवार को खुरच रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि कुछ तो एक-दूसरे के कंधों पर चढ़कर दीवार के ऊपर तक अपना नाम लिखने की कोशिश कर रहे हैं.

रेडिट पर शेयर हुआ वीडियो

‘500 साल पुरानी धरोहर के साथ खिलवाड़’

वीडियो पोस्ट करने वाले शख्स ने लिखा – “मैं हाल ही में हुमायूं के मकबरे गया था और वहां का नजारा देखकर हैरान रह गया. यह जगह लगभग 500 साल पुरानी है और एक यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट है. इसके बावजूद लोग इसे स्कूल की डेस्क की तरह ट्रीट कर रहे हैं. यह नजारा देखकर मन बेहद दुखी हुआ.”

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सोशल मीडिया पर नाराजगी

जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, सोशल मीडिया पर गुस्से की लहर दौड़ गई. लोगों ने इसे ‘सिविक फेलियर’ करार दिया और कहा कि हमारी धरोहरों के साथ इस तरह की हरकतें शर्मनाक हैं. एक यूज़र ने लिखा – “भारत के लोगों को ज़ीरो सिविक सेंस होता है.”
दूसरे ने कमेंट करते हुए कहा – “इतिहास और संस्कृति को बचाने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे, नहीं तो आने वाली पीढ़ियां सिर्फ तस्वीरों में ही इन्हें देख पाएंगी.”

क्यों है खास यह धरोहर?

हुमायूं का मकबरा 1993 में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया था. इसकी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व इसे दिल्ली का एक प्रमुख आकर्षण बनाते हैं. यहां समय-समय पर बड़े स्तर पर रेस्टोरेशन का काम भी हो चुका है. इसके बावजूद इस तरह की घटनाएं हमारी धरोहरों की सुरक्षा और हमारे नागरिक दायित्वों पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं.

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