अमेरिका के लुब्बॉस शहर में रहने वाले 6 साल के विटन डैनियल को अचानक सिरदर्द और चक्कर आने लगे. जब उसे चलने, बोलने यहां तक कि सांस लेने में तकलीफ हुई. जब डॉक्टर्स से बात की तो डॉक्टर्स ने शुरू में फ्लू की आशंका जताई, लेकिन बाद में पता चला कि इसकी असली वजह कहीं ज्यादा गंभीर थी.
खास बात ये है कि इस बीमारी के बारे में डॉक्टर्स को पता नहीं चला, बल्कि बच्चे की मां ने इस बीमारी का पता लगाया और वो भी गूगल के जरिए. विटन की मां केसी डैनियल के एक गूगल सर्च के कारण इस कंडिशन के बारे में पता चल पाया और डैनियल अब बिल्कुल स्वस्थ है.
डॉक्टर ने बताया फ्लू, निकली गंभीर बीमारी
न्यूयॉर्क पोस्ट अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में विटन को सरदर्द और चक्कर आने की शिकायत पर अस्पताल ले जाया गया. शुरू में डॉक्टरों ने उसे फ्लू होने की बात कही. लेकिन अगले 24 घंटों के अंदर, उसकी हालत और खराब होती गई. धीरे-धीरे विटन को खुद से सांस लेने, बोलने और चलने में तकलीफ होने लगी. कुछ देर बाद ही वो बेहोश हो गया.
डॉक्टर्स ने तुरंत उसे इनट्यूबेट किया और टेस्ट किए, जिसके बाद फ्लू से कहीं ज्यादा खतरनाक बीमारी सामने आई. विटन के ब्रेनस्टेम में रक्त वाहिकाओं (blood vessels) का एक दुर्लभ समूह लीक हो रहा था.
नहीं विकसित होते लक्षण
इस कंडिशन को कैवर्नस मालफॉर्मेशन या कैवर्नोमा कहा जाता है. 500 में से केवल एक व्यक्ति के इससे पीड़ित होने की संभावना होती है. अलायंस टू क्योर के मुताबिक कई पीडितों में इसके लक्षण विकसित ही नहीं होते. हालांकि, कैवर्नोमा के लक्षणों में दौरे पड़ना, रक्तस्राव, सरदर्द, कमजोरी और नजर-संबंधी तकलीफें शामिल हैं. 20 प्रतिशत पीडितों में ये बीमारी जेनेटिक होती है.
डॉक्टरों ने विटन की मां केसी डैनियल को इलाज के साइड-इफैक्ट्स को लेकर आगाह करते हुए कहा था कि इलाज के बाद अगर विटन बच जाता है, फिर भी वो शायद कभी चल नही पाएगा और उसे जीवनभर वेंटिलेटर और खाने के लिए फीडिंग ट्यूब का सहारा लेना पड़ेगा. इलाज से दो हफ्ते पहले ही विटन को अपनी बेसबॉल टीम का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया था.
गूगल पर लेख पढ़कर मांगी मदद
परेशान केसी ने मदद के लिए गूगल की ओर रुख किया. आधी रात को इस बीमारी के बारे में सर्च करते हुए उनकी नजर ह्यूस्टन के यूटी हेल्थ अस्पताल में कार्यरत न्यूरोसर्जन डॉक्टर जैक्स मोरकोस (Dr Jacques Morcos) के एक लेख पर पड़ी. डॉक्टर जैक्स कैवर्नोमा के उपचार में विशेषज्ञ हैं. केसी ने डॉक्टर मारकोस को एक ईमेल भेजा, जिसका उन्होने तुरंत जवाब देते हुए विटन को ह्यूस्टन लाने की बात कही.
6 हफ्तों में ठीक होकर लौटा विटन
विटन को एयर एंबुलेंस से ह्यूस्टन ले जाया, जहां डाक्टर मारकोस और पीडियाट्रिक न्यूरोसर्जन डॉक्टर मनीष शाह ने चार घंटों की जटिल सर्जरी की. कुछ घंटों के अंदर ही विटन होश में था और अपने आप बोल और सांस ले पा रहा था.
6 हफ्तों बाद वो ठीक होकर अपने 7वें जन्मदिन से पहले घर लौट आया. अब उसने वापस स्कूल जाना और बेसबॉल खेलना भी शुरू कर दिया है. डॉक्टर मारकोस और डॉक्टर शाह को धन्यवाद देते हुए विटन कहता है कि उनकी वजह से ही वह अपने दोस्तों से फिर मिल पाया. वहीं केसी कहती हैं कि वह इस अनुभव को कभी नही भूल सकतीं.