हक की आवाज उठाने के लिए एकजुटता जरूरी है. इसलिए लोग तरह-तरह के संगठन भी बनाते हैं. टीचरों का संगठन, बैंकरों का संगठन, स्टूडेंट संगठन, पुलिस एसोसिएशन, डॉक्टरों का संघ. ऐसे में कोई सोच सकता है कि शराब पीने वाले लोग भी अपना एसोसिएशन बना सकते हैं और वो भी अपने हक की लड़ाई के लिए ?
अब सोचने वाली बात ये है कि आखिर शराबियों की हक की लड़ाई क्या हो सकती है और उनकी मांग क्या होगी, जिस वजह से उनलोगों को विरोध प्रदर्शन करना पड़ा. ऐसे गजब के काम भी लोग करते हैं, ये कोई मजाक या वायरल होने के लिए किया गया स्टंट नहीं है. वाकई में अफ्रीका के घाना में शराबियों का एसोसिएशन है और इन लोगों ने वहां की सरकार को अपनी मांगों को लेकर अल्टीमेटम भी दिया है.
घाना में शराबियों का संगठन
घाना में बकायदा शराबियों ने एक संगठन बना रखा है और इनलोगों ने वहां की सरकार से शराब की बढ़ती कीमतों को कम करने की मांग की है. इतना ही नहीं इस संगठन में पूरे देश से 6.6 मिलियन से ज़्यादा सदस्य हैं. पिछले सप्ताह एक्स (ट्विटर) पर एक वायरल पोस्ट में इस संघ के अध्यक्ष, मोसेस ओन्याह, जिन्हें प्यार से बाकी लोग 'ड्राई बोन' कहते हैं, उन्होंने शराब की बढ़ती की कीमतों की निंदा की.
ड्राई बोन ने अपने पोस्ट में कहा - हमें पता चला है कि सेडी में कुछ मजबूती आई है और कुछ वस्तुओं की कीमत कम हुई है. हालांकि, शराब की कीमत अभी भी अधिक है.
दरअसल, घाना के राष्ट्रीय मुद्रा सेडी के आश्चर्यजनक मूल्यवृद्धि की वजह से शराब की कीमतों में निरंतर वृद्धि हो रही है. इस लिए शराबी संघ के निराश सदस्यों ने अकरा शहर में मार्च भी निकाला और सरकार से शराब की कीमतें कम करने की मांग की.
सरकार को दिया तीन दिन का अल्टीमेटम
ड्रंकर्ड्स एसोसिएशन ने घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा और व्यापार और उद्योग मंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. साथ ही सरकार को इस समस्या का हल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है. इसके बाद बड़े पैमाने पर देश व्यापी विरोध प्रदर्शन होंगे.
घाना ड्रंकर्ड एसोसिएशन खुद को बताता है देश का जिम्मेदार संघ
ड्राई बोन ने हाल ही में अकरा में मार्च के दौरान कहा कि हम सिर्फ शराबी नहीं हैं, हम जिम्मेदार नागरिक हैं जो उचित व्यवहार और किफायती पेय की मांग करते हैं. शराब की बढ़ती कीमत अधिकतर घानावासियों के आराम करने को मुश्किल बना रहा है. घाना का ड्रंकर्ड एसोसिएशन जिम्मेदारी से शराब पीने को बढ़ावा देता है. साथ ही शराब पीकर गाड़ी चलाने के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई अभियान चलाता हैं.