आईटी कंपनी में काम करने वाले एक शख्श ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट कर अपना दर्द बयां किया है. उसने बताया कि उसे एक समस्या को हल करने के लिए दिन में 13 घंटे काम करने के बावजूद धीमी गति से काम करने के लिए डांटा गया था. इसके बाद वह हतोत्साहित और निराश महसूस कर रहा था.
शख्स ने अपनी निराशा को व्यक्त करने के लिए Reddit का सहारा लिया, जहां उसकी पोस्ट ने उन लोगों के दिलों को छू लिया, जिन्होंने वर्कस्टेशन पर ऐसा ही कुछ मिलता-जुलता अनुभव किया है.
मैनेजर ने सबके सामने लगाई डांट
खुद को आईटी इंडस्ट्री में फ्रेशर बताते हुए , एक शख्स ने लिखा - पिछले साल कॉलेज से ग्रेजुएट किया है. मुझे एक समस्या को हल करने के लिए 13 घंटे से अधिक समय लगा. समस्या को हल करने के बाद मैं काफी खुश था, लेकिन एक टीम मीटिंग में, मेरे मैनेजर ने सबके सामने मुझे स्लो होने के लिए डांट लगा दी. इसने मुझे अंदर तक तोड़ दिया.
सीनियर ने लगाए झूठे आरोप
ये सब सिर्फ डांट पर ही खत्म नहीं हुआ. जब उस नए टेक एक्सपर्ट के मैनेजर ने टीम के एक सीनियर से पूछा कि काम में इतना समय क्यों लगा, तो सीनियर ने सारा दोष फ्रेशर पर डाल दिया. टेक एक्सपर्ट के अनुसार, काम में वास्तव में अपेक्षा से अधिक समय लगा, क्योंकि कुछ फ़ाइलें गुम थीं, न कि उसकी अपनी अक्षमता. जब मेरे प्रबंधक ने मेरे मेंटर से पूछा कि काम में इतना समय क्यों लगा तो उन्होंने झूठ बोला और सारा दोष मुझ पर डाल दिया और असली वजह नहीं बताई, जो कि कुछ फ़ाइलें मौजूद नहीं होना थीं.
सोशल मीडिया पर लोगों ने दिए ऑफिस पॉलिटिक्स से बचने के टिप्स
अपने Reddit पोस्ट में, कर्मचारी ने कबूल किया कि घटना के बाद वह वास्तव में हतोत्साहित महसूस कर रहा था और टीम छोड़ना चाहता था. हालांकि, उसे फ़ोरम पर कई और अनुभवी कर्मचारियों से समर्थन मिला, जिन्होंने उसे ऑफिस में होने वाले पॉलिटिक्स से निपटने के टिप्स दिए.