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दिल्ली की सड़कों पर घूमती दिखीं 'एनाबेल', सोशल मीडिया पर छाया वीडियो

दिल्ली की एक मेकअप आर्टिस्ट खुद को "द कॉन्ज्यूरिंग" की डरावनी गुड़िया, एनाबेल में बदल कर सड़कों पर घूमती दिखीं. वो एनाबेल के लुक में सड़कों पर घूमती नजर आईं, किसी को डराया, किसी को हंसाया और अब उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

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दिल्ली की मेकअप आर्टिस्ट इजा सेतिया का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. लोगों ने उनके मेकअप और डिटेलिंग की खूब तारीफ की और इसे भारत में अब तक के सबसे बेहतरीन हैलोवीन लुक्स में से एक बताया. (Photo: izasetia_makeovers)
दिल्ली की मेकअप आर्टिस्ट इजा सेतिया का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. लोगों ने उनके मेकअप और डिटेलिंग की खूब तारीफ की और इसे भारत में अब तक के सबसे बेहतरीन हैलोवीन लुक्स में से एक बताया. (Photo: izasetia_makeovers)

सोशल मीडिया पर एक रील वायरल हो रहा है, जिसमें आप देख सकते हैं कि हैलोवीन के मौके पर दिल्ली की मेकअप आर्टिस्ट इजा सेतिया ने खुद को हॉरर फिल्म “द कॉन्ज्यूरिंग” की डरावनी गुड़िया एनाबेल बनकर सड़कों पर घूम रही हैं. उनका ये लुक इतना रियल लग रहा था कि लोग देखकर दंग रह गए. किसी को उनका लुक मजेदार लगा, तो कुछ लोग सच में डर गए. उनका ये वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.

सड़क पर घूमकर उड़ाई लोगों की नींद
वीडियो में आप देख सकते हैं कि इजा सेतिया ने अपने आपको पूरी तरह एनाबेल के किरदार में ढाल दिया है. सफेद फ्रॉक, लाल रिबन, चोटियों में बंधे बाल और डरावना सफेद मेकअप. वो दिल्ली की सड़कों पर घूमती दिखीं. कई लोग उन्हें देखकर डर गए या चीख पड़े, तो कई लोगों ने उनकी तारीफ करते हुए सेल्फी ली और वीडियो बनाए.

सोशल मीडिया पर छा गया वीडियो
इजा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर यह वीडियो पोस्ट किया और कैप्शन लिखा- "दिल्ली की मेकअप आर्टिस्ट बनी एनाबेल, शहर में मचा डर का हड़कंप. वीडियो में लोग या तो डर रहे थे या उनकी क्रिएटिविटी की तारीफ कर रहे थे. कई यूजर्स ने लिखा कि यह किसी भारतीय कलाकार द्वारा किया गया अब तक का सबसे शानदार हैलोवीन लुक है.

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क्या है हैलोवीन?
हैलोवीन हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाता है. यह त्योहार अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और आयरलैंड में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है, लेकिन अब भारत के बड़े शहरों में भी मनाया जाने लगा है. इसकी शुरुआत प्राचीन सेल्टिक त्योहार “समाहिन” से हुई थी, जो गर्मी के अंत और सर्दियों की शुरुआत का प्रतीक था. लोगों का मानना था कि इस रात मृत आत्माएं धरती पर लौट आती हैं, इसलिए भूतों से बचने के लिए वे अलाव जलाते और डरावनी वेशभूषा पहनते थे. इसी परंपरा से आज का हैलोवीन त्योहार बना है.

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