scorecardresearch
 

सोफे की जगह मां के बैठने के लिए ताबूत ले आया शख्स, ऐसा करने के पीछे थी ये अजीब वजह

एक शख्स ने अपनी मां के लिए एक ताबूत खरीदी, फिर उस पर बैठाकर उनका जुलूस निकाला और घर तक ले गए. इसके बाद घर में उनकी मां उस ताबूत का इस्तेमाल बैठने के लिए करेंगी.

Advertisement
X
चीन में जीवित मां को ताबूत में बैठाकर जुलूस निकलने की है अजीब परंपरा (Photo - AI Generated)
चीन में जीवित मां को ताबूत में बैठाकर जुलूस निकलने की है अजीब परंपरा (Photo - AI Generated)

चीन में एक शख्स अपनी मां के बैठने के लिए सोफा नहीं एक ताबूत खरीद कर घर ले गया. ये काम इतनी आराम से नहीं हुआ. ताबूत ले जाने के लिए शख्स ने 16 लोगों को बुलाया था. साथ ही एक ब्रास बैंड पार्टी भी इसमें शामिल थी. जानते हैं आखिर शख्स ने ऐसा क्यों किया? 

शख्स ने ताबूत खरीदने के बाद उस पर अपनी 70 साल की मां को बैठाकर बकायदा एक जुलूस निकालकर घर तक गया. यह जुलूस ठीक उसी तरह निकाला गया, जैसे कोई शवयात्रा निकाली जाती है. ताबूत को एक शववाहक पालकी पर रखा गया. उसे 8 लोगों ने आगे से और 8 लोगों ने पीछे से उठाया हुआ था. उस ताबूत पर 70 साल की महिला को बैठाया गया था. फिर पीछे-पीछे बैंड बजाते हुए ब्रॉस बैंड की टोली चल रही थी.  

ताबूत पर बैठाकर मां को ले गया घर
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ये चीन के एक पारंपरिक ग्रामीण लोक अनुष्ठान की झलक थी.दक्षिणी चीन के हुनान प्रांत के चांगदे के ताओयुआन काउंटी के शुआंगक्सीकोऊ कस्बे के एक अज्ञात व्यक्ति ने अपनी बुजुर्ग मां को ताबूत में घर ले जाने के लिए 16 कुलियों को काम पर रखा था. यह जुलूस इस उम्मीद में निकाला गया था कि ऐसा करने से उनकी मां की उम्र बढ़ेगी. 

Advertisement

घर पहुंचने पर ताबूत पर चढ़ाया गया प्रसाद
जुलूस में सबसे आगे पालकी के अंदर ताबूत पर बैठी बुजुर्ग महिला थी. उन्होंने हाथ में एक पंखा पकड़ रखा था और काफी खुश थीं.जब ताबूत उनके घर पहुंचा तो एक अनुष्ठान किया गया. इसमें धूप जलाकर  प्रसाद चढ़ाया गया.  इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले स्थानीय ग्रामीण तांग ने गुइझोऊ रेडियो टीवी स्टेशन को बताया कि उन्होंने इस तरह के समारोह तीन बार देखे हैं.

बुजुर्ग माता-पिता की लंबी आयु के लिए होता है ये अनुष्ठान
तांग ने कहा कि इस अनुष्ठान का मूल उद्देश्य अपने माता-पिता के प्रति श्रद्धा व्यक्त करना और उनकी लंबी आयु के लिए प्रार्थना करना है. यह एक पुरानी ग्रामीण परंपरा है. आमतौर पर बुज़ुर्ग इससे बहुत खुश होते हैं, लेकिन आजकल यह ज़्यादा आम नहीं है.

घर में खुशियां लाने के लिए लाया जाता है ताबूत
चीनी संस्कृति में, ताबूत को शुभ माना जाता है क्योंकि ताबूत के लिए चीनी शब्द गुआनकाई , 'आधिकारिक धन' के समान है. ऐसा माना जाता है कि जीवित वृद्ध लोगों को ताबूत पर बैठाने से उनका आशीर्वाद मिलता है और वे दीर्घायु होते हैं. साथ ही इसका उद्देश्य बस खुशी लाना है.

जुलूस में शामिल लोगों को दी जाती है दावत
एक बुज़ुर्ग मां के लिए ताबूत खरीदना, उनके लंबे जीवन की कामना करने का एक प्रतीकात्मक संकेत है. तांग ने बताया कि इस अनुष्ठान के बाद ताबूत ढोने वालों, बैंड बजाने वालों और जुलूस में शामिल मेहमानों के लिए बड़े भोज का आयोजन किया गया. 

Advertisement

बुजुर्ग लोगों के बैठने के लिए करते हैं ताबूत का इस्तेमाल
कई ग्रामीण क्षेत्रों में, जब बुजुर्ग लोग 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के हो जाते हैं, तो वे प्रायः पहले से ही एक ताबूत तैयार कर लेते हैं और उसे घर पर रखते हैं. बुजुर्ग इन ताबूत का इस्तेमाल बैठने के लिए करते हैं. माना जाता है कि इससे उनकी आयु बढ़ती है. 

उत्सव माना जाता है जीवित लोगों का अंतिम संस्कार 
जीवित लोगों के अंतिम संस्कार को अक्सर उत्सव के तौर पर मनाया जाता है. ताबूत ले जाना भी पारंपरिक चीनी अंतिम संस्कार अनुष्ठानों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. हालांकि, शव-वाहकों की संख्या के संबंध में कोई सख्त नियम नहीं हैं, लेकिन लोक रीति-रिवाजों के अनुसार, ताबूत आमतौर पर आठ या सोलह लोग उठाते हैं. इन्हें आठ अमर या आठ महान वज्र कहा जाता है.

जुलूस का एक अलिखित नियम यह है कि ताबूत जमीन को नहीं छूना चाहिए. इसलिए कई लोग मदद के लिए खड़े रहते हैं. इससे यात्रा सुचारू रूप से चलती है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement