प्रख्यात असमिया लेखिका इंदिरा गोस्वामी का लम्बी बीमारी के बाद मंगलवार सुबह यहां एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 69 साल की थीं.
गोस्वामी ने प्रतिबंधित युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) और केंद्र सरकार के बीच शांति वार्ता में अहम भूमिका निभाई थी. गुवाहाटी मेडीकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि गोस्वामी के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिसके चलते सुबह 7.45 बजे उनका निधन हो गया.
वह मामोनी रायसन गोस्वामी नाम से लिखती थीं. वह दिल्ली विश्वविद्यालय के आधुनिक भारतीय भाषा विभाग में एक शिक्षिका थीं. उन्हें भारतीय साहित्य जगत का सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ मिला था. गोस्वामी ने उल्फा और केंद्र सरकार के बीच शांति वार्ता में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन साल 2005 में उन्होंने खुद को इससे अलग कर लिया.
असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने उनके निधन पर कहा कि उनके निधन से भारत के साहित्यिक परिदृश्य में एक शून्य पैदा हो गया है. असम सरकार ने राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया है. बुधवार को अंतिम संस्कार होने की सम्भावना है. उनका शव अस्पताल से उनके आवास पर ले जाया जाएगा. इसके बाद उसे उनके प्रशंसकों व शुभचिंतकों के अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा.