साल 2019. राजस्थान की अंडर-19 टीम के ट्रायल्स चल रहे थे. जोधपुर के एक हेडमास्टर का लड़का भी उन ट्रायल्स में आया था. लेकिन उसका सेलेक्शन नहीं हुआ. और ऐसा होते ही हेडमास्टर पापा ने फिर समझाया- पढ़ाई कर ले बेटा, क्रिकेट में कुछ नहीं रखा. और ये लड़का अगर उस वक्त अपने पापा की बात मान जाता तो आज इंडिया के पास एक कमाल का लेग स्पिनर नहीं होता. इस लड़के की जोधपुर से इंडियन क्रिकेट टीम तक आने की जर्नी में कई लोगों का योगदान है. और ऐसे लोगों में वो दो लड़के भी शामिल हैं जिन्हें रवि बिश्नोई नाम का ये लड़का भैया बुलाता था. पेशे से क्रिकेट कोच इन दोनों ने ही ट्रायल में रिजेक्ट हुए रवि को समझा-बुझाकर क्रिकेट जारी रखने के लिए राजी किया.