क्या आप किसी ऐसे गांव की कल्पना कर सकते हैं जहां घरों में ताले न हों, दुकानों पर शटर बंद न होते हों और यहां तक कि बैंक भी बिना ताले के खुले रहते हों? आपको शायद यह सुनकर हैरानी हो, लेकिन भारत में एक ऐसा गांव है जहां सदियों से चोरी नहीं हुई है, और यही वजह है कि यहां के लोग ताले का इस्तेमाल ही नहीं करते. हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर की.
स्थानीय लोग मानते हैं कि इसकी सुरक्षा खुद शनि देव करते हैं. शिरडी से लगभग 70 किलोमीटर दूर बसा यह गांव दूर-दूर से श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है और यहां की अनोखी परंपराएं हर किसी को हैरान कर देती हैं.
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में बसा शनि शिंगणापुर ऐसा गांव है, जहां घरों, दुकानों और बैंक में ताले नहीं हैं. इसके बावजूद चोरी जैसी कोई घटना नहीं होती. स्थानीय लोंगो का ऐसा मानना है कि इसकी सुरक्षा खुद शनि देव करते हैं. यह अटूट आस्था और परंपरा ही गांव की सबसे बड़ी पहचान है, जो दूर-दूर से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है.
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इस गांव का शनि मंदिर बेहद अनोखा और आकर्षक है. मूर्ति खुले आसमान के नीचे एक ऊंचे मंच पर स्थापित है. इसके अलावा मंदिर में त्रिशूल, नंदी और हनुमान की मूर्तियां भी हैं. श्रद्धालु यहां शनि देव की पूजा और अभिषेक करते हैं. ऐसी मान्यता है कि मूर्ति पर सरसों का तेल चढ़ाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और दुख-दर्द दूर होते हैं.
करीब 350 साल पहले इस गांव के पास एक नदी में भारी बाढ़ के बाद काली पत्थर की चट्टान मिली थी. कहा जाता है कि जब गांव वालों ने उसे छुआ, तो उसमें से खून बहने लगा. इस चमत्कारी घटना के बाद शनि देव ने रात में एक व्यक्ति को दर्शन दिए और मंदिर बनाने का आदेश दिया. तब से यह जगह शनि देव का पवित्र धाम मानी जाती है. मंदिर में शनि देव की मूर्ति खुले आसमान के नीचे स्थापित की गई है, जहां श्रद्धालु उनका अभिषेक करते हैं.
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इस गांव में घरों और दुकानों में ताले और लॉक न होने के बावजूद कभी चोरी नहीं होती. स्थानीय लोग मानते हैं कि इसकी सुरक्षा खुद शनि देव करते हैं. कई बार चोरी की कोशिशें हुईं, लेकिन सभी असफल रही. लोग विश्वास रखते हैं कि शनि देव के प्रकोप से कोई नहीं बच सकता. इसी भरोसे और परंपरा की वजह से शनि शिंगणापुर पूरे भारत में अपनी अनोखी पहचान बना चुका है.
शनि शिंगणापुर की यात्रा केवल पूजा और दर्शन तक सीमित नहीं है. यह गांव आस्था, विश्वास और समुदाय की मिसाल भी पेश करता है. खुले आसमान के नीचे स्वयंभू मूर्ति, बिना ताले वाले घर और धार्मिक परंपराएं इसे अनोखा बनाती हैं. इसके अलावा शनि अमावस्या और शनिवार को हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं, जबकि शनि जयंती पर विशेष उत्सव आयोजित होते हैं. यह गांव आपको भारत की लोककथा और आस्था का गहरा अनुभव देता है.