नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (National Stock Exchange of India) (NSE) भारत का प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है, जो मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है (NSE Located in Mumbai). डेरिवेटिव्स ट्रेड बॉडी फ्यूचर्स इंडस्ट्री एसोसिएशन (FIA) के बनाए गए आंकड़ों के आधार पर कारोबार के अनुबंधों की संख्या के हिसाब से यह 2021 में दुनिया का सबसे बड़ा डेरिवेटिव एक्सचेंज था (World’s Largest Derivatives Exchange). कैलेंडर वर्ष 2021 के लिए वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज (WFI) के आंकड़ों के अनुसार, एनएसई नकद इक्विटी में दुनिया में चौथे स्थान पर है (NSE Ranked 4th in World in Cash Equities). यह कुछ प्रमुख वित्तीय संस्थानों, बैंकों और बीमा कंपनियों के स्वामित्व में है. एनएसई की स्थापना 1992 में देश में पहले डीमैटरियलाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज के रूप में हुई थी (NSE Established as Dematerialized Electronic Exchange). एनएसई एक आधुनिक, पूरी तरह से स्वचालित स्क्रीन-आधारित इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम प्रदान करने वाला देश का पहला एक्सचेंज था, जिसने देश भर में फैले निवेशकों को आसान ट्रेडिंग सुविधाएं प्रदान कीं. विक्रम लिमये एनएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं (NSE MD and CEO).
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का कुल बाजार पूंजीकरण 3.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है (NSE Total Market Capitalization), जो इसे अगस्त 2021 तक दुनिया का 10वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज बनाता है (NSE World's 10th-Largest Stock Exchange). एनएसई का प्रमुख सूचकांक, निफ्टी 50 (NIFTY 50) स्टॉक इंडेक्स का उपयोग भारत और दुनिया भर के निवेशक भारतीय पूंजी बाजार के बैरोमीटर के रूप में बड़े पैमाने पर करते हैं. NSE ने NIFTY 50 इंडेक्स को 1996 में लॉन्च किया था (NIFTY 50 Launched). अनुमान के मुताबिक भारतीय जीडीपी का केवल 4% ही भारत में स्टॉक एक्सचेंजों से प्राप्त होता है.
संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों के विपरीत, जहां देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 70% कॉर्पोरेट क्षेत्र की बड़ी कंपनियों से प्राप्त होता है, भारत में कॉर्पोरेट क्षेत्र जीडीपी का केवल 12-14% हिस्सा है. इनमें से केवल 7,400 कंपनियां सूचीबद्ध हैं, जिनमें से केवल 4000 बीएसई और एनएसई के स्टॉक एक्सचेंजों में ट्रेड करती हैं. इसलिए बीएसई और एनएसई में स्टॉक ट्रेडिंग भारतीय अर्थव्यवस्था का केवल 4% है (NSE Trading).
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुमान के मुताबिक अप्रैल 2018 तक, 6 करोड़ खुदरा निवेशकों ने भारत में शेयरों में अपनी बचत का निवेश किया था. इससे पहले, बिमल जालान समिति की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि संयुक्त राज्य अमेरिका में 27% और चीन में 10% की तुलना में भारत की आबादी का बमुश्किल 1.3% हिस्सा शेयर बाजार में निवेश करता है (Financial Literacy).
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Gold Rate Rise: सोने की कीमतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं और ये हर रोज अपने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नए शिखर पर पहुंच रहा है. मंगलवार को एमसीएक्स पर कारोबार शुरू होने के साथ ही 10 ग्राम सोने की कीमत में 1700 रुपये का उछाल आया.
रिटायरमेंट के बाद इनकम की चिंता हो रही है? फाइनेंशियल कोच संजय कथूरिया का ये "मोनी मंत्र" आपकी जिंदगी आसान बना सकता है। जानिए कैसे 1 करोड़ रुपये को 4 हिस्सों में बांटकर सुरक्षित इनकम और ग्रोथ पाई जा सकती है.
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शेयर बाजार में सोमवार को बड़ी गिरावट दर्ज की गई. इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ ही नजर आ रहा है.
देश के बैंकों में जमा 40 फीसदी रकम महिलाओं के नाम, स्टार्टअप और नए बिजनेस में भी दिखाया जलवा
ट्रंप के टैरिफ से जापान-चीन-कोरिया के शेयर बाजारों में तबाही, 8% तक गिरे
कोई 20%... तो कोई 10% भागा, Trump के टैरिफ से पहले शेयर बाजार में बम-बम, जोरदार तेजी के साथ बंद
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भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट दर्ज की गई है. सेंसेक्स करीब 2300 पॉइंट्स से ज्यादा नीचे गिर गया तो वहीं निफ्टी में भी 700 से ज्यादा अंकों की गिरावट है. माना जा रहा है कि अमेरिका में आर्थिक मंदी के संकेत से शेयर बाजार में खलबली दिखी है और बाजार लगातार गिरता गया. देखें ब्रेकिंग न्यूज़.
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