होलिका दहन (Holika Dahan) हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे होली से एक दिन पहले फाल्गुन पूर्णिमा की रात को मनाया जाता है. इसे छोटी होली भी कहा जाता है. इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक स्वरूप होलिका दहन किया जाता है.
इस दिन लकड़ियों, उपलों और कंडों से होलिका दहन के लिए चिता बनाई जाती है. इस चिता में गेंहू की बालिया, नारियल, गन्ना आदि अर्पित किए जाते हैं. परिवार और समाज के लोग एक साथ मिलकर इसकी परिक्रमा करते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. कई स्थानों पर होलिका दहन के बाद उसकी राख को घर लाकर तिलक करने की भी परंपरा है.
होलिका दहन की कथा भक्त प्रह्लाद और उनके पिता राजा हिरण्यकश्यप से जुड़ी हुई है. हिरण्यकश्यप, जो स्वयं को भगवान मानता था, अपने पुत्र प्रह्लाद की भगवान विष्णु के प्रति भक्ति से नाराज था. उसने प्रह्लाद को मारने के कई प्रयास किए, लेकिन वह असफल रहा. अंत में, उसने अपनी बहन होलिका से प्रह्लाद को मारने के लिए कहा. होलिका के पास एक वरदान था कि वह अग्नि में जल नहीं सकती. उसने प्रह्लाद को गोद में बैठाकर आग में बैठने का प्रयास किया, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से होलिका जलकर भस्म हो गई और प्रह्लाद सुरक्षित बच गए. तभी से होलिका दहन बुराई के अंत और भक्ति की विजय के रूप में मनाया जाता है.
मशकफ टनल में खड़ी ट्रेन को लेकर पाकिस्तानी सेना ने अब बड़ा दावा किया है. सेना का कहना है कि उसने बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के चंगुल से सभी बंधकों को रिहा करा लिया है और ये रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया है. तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव से पहले डीएमके सरकार ने बजट 2025-26 से रुपये के राष्ट्रीय चिह्न को हटा दिया है. इसके बजाय तमिलनाडु सरकार ने अपने बजट में '₹' को 'ரூ' सिंबल से रिप्लेस कर दिया है.
Holika Dahan 2025 muhurat: 13 मार्च यानी आज होलिका दहन किया जाएगा. होलिका दहन में तिथि, भद्रा और शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है. लेकिन होलिका दहन पर आज सुबह 10 बजकर 35 मिनट से रात 11 बजकर 26 मिनट तक भद्रा का साया रहने वाला है. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त आज रात 11 बजकर 26 मिनट से शुरू होगा और 14 मार्च को रात्रि में 12 बजकर 30 मिनट पर मुहूर्त का समापन होगा.
Holika Dahan 2025 shubh muhurat:इस बार होलिका दहन 13 मार्च की रात को करीब 11.26 बजे से किया जा सकेगा. पूर्णिमा तिथि 13 मार्च यानी आज सुबह 10.36 से लेकर 14 मार्च को दोपहर 12.23 तक रहेगी. पूर्णिमा के साथ ही भद्रा काल आरम्भ हो जाएगा. जो रात 11.26 तक रहेगा. इसलिए भद्रा काल से बचते हुए 13 मार्च की रात को 11.27 के बाद होलिका दहन किया जाएगा.
Holika Dahan 2025 shubh muhurat: इस बार होलिका दहन 13 मार्च की रात को करीब 11.26 बजे से किया जा सकेगा. पूर्णिमा तिथि 13 मार्च यानी आज सुबह 10.36 से लेकर 14 मार्च को दोपहर 12.23 तक रहेगी. पूर्णिमा के साथ ही भद्रा काल आरम्भ हो जाएगा. जो रात 11.26 तक रहेगा. इसलिए भद्रा काल से बचते हुए 13 मार्च की रात को 11.27 के बाद होलिका दहन किया जाएगा.
इस साल फाल्गुन पूर्णिमा 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट से प्रारंभ हो जाएगी और 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 24 मिनट पर इसका समापन होगा. चूंकि छोटी होली पर दिनभर भद्रा का साया रहेगा. इसलिए रात को 11.26 बजे भद्रा समाप्त होने के बाद ही आप होलिका दहन कर सकेंगे.
Holi kab hai 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, होली का पर्व चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है. इस साल होली का त्योहार 14 मार्च को मनाया जाएगा. इसके अलावा, होली से एक दिन पहले 13 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और 7 मार्च यानी आज से होलाष्टक की शुरुआत हो चुकी है.
Holi kab hai 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, होली का पर्व चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है. इस साल होली का त्योहार 14 मार्च को मनाया जाएगा. इसके अलावा, होली से एक दिन पहले 13 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और 7 मार्च यानी आज से होलाष्टक की शुरुआत हो चुकी है.
इस वर्ष होली 25 मार्च, सोमवार को मनाई जाएगी. इसलिए, 24 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और 25 मार्च को रंग खेला जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को होलिका जलाई जाती है और अगले दिन होली यानी रंगों का त्योहार मनाया जाता है. इस वर्ष होली के दिन वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण लगने वाला है.
Holika Dahan 2024: पुराने संवत्सर को विदाई देने और इसकी नकारात्मकता को समाप्त करने के लिए "होलिका दहन" किया जाता है. होलिका दहन आज है. इसे कहीं-कहीं पर संवत जलाना भी कहते हैं. इसके पीछे अगर पौराणिक कथाएं हैं तो वैज्ञानिक मान्यताएं भी हैं. बुराई पर अच्छाई के विजय के प्रतीक स्वरूप में होलिका दहन किया जाता है.
ज्योतिषी वेद प्रकाश मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष 24 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा. लेकिन, फाल्गुन की पूर्णिमा में भद्रा के बाद ही होलिका दहन का विधान होता है. 24 मार्च को भद्रा सुबह 9 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगी. इसलिए, उस दिन रात्रि में 10 बजकर 27 मिनट के बाद ही होलिका दहन किया जा सकता है.
Holika Dahan 2024: होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को किया जाता है. होलिका दहन के ठीक अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है. होलिका दहन को छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन पूर्णिमा में यदि प्रदोष काल में की जाए तो सबसे शुभ होता है. इस दौरान भद्रा मुख को त्याग करके रात के समय होलिका दहन करना शुभ रहता है.
Holika Dahan 2024: खुशियों, उमंग और उल्लास का त्योहार होली कल है. फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन का त्योहार मनाया जाता है. माना जाता है कि होलिका की अग्नि की पूजा करने से कई तरह के लाभ मिलते हैं.
Holika Dahan 2024 Shubh Muhurat: होली का त्योहार रंगों, उमंग और नई ऊर्जा का पर्व है. इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. होली से एक दिन पहले यानी फाल्गुन माह की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है. 24 मार्च यानी आज भद्रा सुबह 9 बजकर 24 मिनट से शुरू होगी और आज रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगी. तो आज रात 10 बजकर 27 मिनट के बाद ही होलिका दहन किया जा सकता है.
Choti Holi Wishes, Holika Dahan 2024: होली से ठीक एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है. इस साल होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा. इस खास मौके पर आप अपने दोस्तों और करीबियों को भेज सकते हैं शुभकामना संदेश.
ज्योतिषी वेद प्रकाश मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष 24 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा. होलिका दहन पर पूरे दिन भद्रा का अशुभ साया रहेगा. जानिए पूजन के लिए कितना समय मिलेगा. देखें वीडियो.
Holika Dahan 2024: होलिका दहन पर किसी वृक्ष की शाखा को जमीन में गाड़ कर उसे चारों तरफ से लकड़ी कंडे उपले से घेर कर निश्चित मुहूर्त में जलाया जाता है. इस बार होलिका 24 मार्च, सोमवार को किया जाएगा. 24 मार्च को भद्रा सुबह में 9 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगी. इसलिए, उस दिन रात्रि में 10 बजकर 27 मिनट के बाद ही होलिका दहन किया जा सकता है.
इस बार होली 25 मार्च, सोमवार को मनाई जाएगी और होलिका दहन 24 मार्च, रविवार को किया जाएगा. होलिका दहन पर इस बार पूरे दिन भद्रा का साया रहने वाला है.
होलिका दहन इस बार बहुत ही खास माना जा रहा है. क्योंकि, होलिका दहन पर इस बार पूर्णिमा के साथ भद्रा का साया भी रहेगा. जिसमें होलिका दहन किया जाएगा.
Holashtak 2024: फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होली का त्योहार मनाया जाता है. होली के आठ दिन पहले होलाष्टक लग जाता है. 17 मार्च यानी आज से होलाष्टक शुरू हो चुका है. इन आठ दिनों में ग्रहों की स्थिति बदलती रहती है. साथ ही इस दौरान शुभ कार्य करने वर्जित होते हैं. आइए जानते हैं कि होलाष्टक को मनाने के पीछे कौन सी पौराणिक कथाएं हैं.
Holi 2023: आज देशभर में रंग-गुलाल के साथ होली खेली जा रही है. ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक रंग का विशेष महत्व बताया गया है. कहते हैं कि जिस रंग से हम होली खेलते हैं, उस रंग से संबंधित ग्रह हमारे जीवन में सक्रिय हो जाता है और उसके लाभ हमें जीवन में दिखने लगते हैं.
फाल्गुन माह की पूर्णिमा पर मनाई जाती है होली. मौसम बदलने लगता है. विज्ञान कहता है कि इस मौसम में वायुमंडल में बैक्टीरिया बहुत ज्यादा होते हैं. होलिका दहन से पारा चढ़ता है. बैक्टीरिया की बढ़ती मात्रा में रोक लगती है. असल में होली और खेलने वाले रंगों के पीछे का क्या साइंस है? क्या इससे कोई फायदा होता है?