देर रात तीसरी मंजिल पर अपने घर जाते हुए मुझे बगल वाले फ्लैट के नीचे वाले घर से अक्सर दो लोगों के जोर- जोर से बोलने की आवाज आती है, यकीनन दो लोग लड़ रहे होते हैं. मुझे उनके लड़ने पर आपत्ति नहीं है लेकिन उनकी तेज आवाज सुनकर मेरा मन तड़प उठता है. मुझे लगता है कि एक बंद कमरे में दो लोग एक- दूसरे से कितनी दूर हो गए हैं कि उन्हें आपस में चिल्लाकर एक दूसरे से बात करनी पड़ रही है. देखें- संजय सिन्हा की कहानी का ये पूरा वीडियो.