शादी एक पारंपारिक रस्म होती है. व्यक्ति अपने कामों में उलझकर रिश्तों से दूर होता जा रहा है. इस तरह रिश्तों में दूरी होने से वह दिन दूर नहीं जब शादी सामाजिक रस्म न रहकर व्यक्तिगत रस्म बन जाएगी. संजय सिन्हा से सुनिए रिश्तों के ताने-बाने की कहानी.