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अब कपड़ों से भी मिलेगी बिजली, कागज से भी पतला है ये सोलर सेल, जानिए कैसे करता है काम

Solar Cell: सूरज की रौशनी ऊर्जा का एक ऐसा सोर्स है, तो खत्म नहीं होने वाला है. सालों से हमने यहां से ऊर्जा मिलती है और इसे इलेक्ट्रिसिटी में बदलने का भी काम हो रहा है. MIT के इंजीनियर्स ने एक नए तरह का सोलर सेल बनाया है, जो कागज से भी पतला है. आइए जानते हैं ये टेक्नोलॉजी किस तरह से काम करेगी.

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MIT के रिसर्चर ने तैयार की नई टेक्नोलॉजी (फोटो-MIT)
MIT के रिसर्चर ने तैयार की नई टेक्नोलॉजी (फोटो-MIT)

टेक्नोलॉजी के सेक्टर में हर दिन नया काम हो रहा है. बात चाहे स्मार्टफोन इनोवेशन की हो या फिर नई टेक्नोलॉजी की. ये सेक्टर लगातार बदल रहा है. रिसर्चर्स पावर सोर्स पर नए-नए काम कर रहे हैं. MIT के रिसर्चर्स ने एक अल्ट्रा थिन और अल्ट्रा-लाइट सोलर सेल तैयार किया है. पेपर जैसे इस सोलर सेल का इस्तेमाल करके किसी भी सतह को पावर सोर्स में बदला जा सकता है. 

इस टेक्नोलॉजी की मदद से किसी टेंट को भी एक सोलर पावर सोर्स में बदल सकते हैं. MIT ने जिस सोलर सेल को डेवलप किया है, वो इंसान के बाल से भी पतला है. इसे किसी कपड़े पर जोड़ा जा सकता है, जिससे इसे एक फिक्स्ड सरफेस पर इंस्टॉल करना आसान हो जाएगा. 

क्या है रिसर्चर्स का कहना? 

रिसर्च पेपर के लीड ऑथर Vladimir Bulović ने बताया, 'हमारे लाइटवेट फोटोवोल्टिक (PV) सेल का मौजूदा वर्जन उतना कारगर नहीं है, जितने सिलिकॉन PVs होते हैं. मगर इनका वजन बहुत कम है. इन पावर सेल्स का इस्तेमाल कन्वेंशनल सिलिकॉन PVs को रिप्लेस करने के लिए नहीं होगा, बल्कि ये वहां काम आएंगे, जहां सिलिकॉन PVs काम नहीं करते हैं.'

किस तरह से डेवलप की टेक्नोलॉजी?

इस टेक्नोलॉजी को डेवलप करने के लिए रिसचर्स ने नैनोमैटेरियल का इस्तेमाल प्रिंटेबल इलेक्ट्रॉनिक इंक में किया है, जिससे नोवल सोलर सेल डिवाइस क्रिएट किया जा सके.

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रिसर्चर्स ने इलेक्ट्रॉनिक मैटेरियल के slot-die कोटर का इस्तेमाल एक सब्सट्रेट पर किया है, जो सिर्फ 3 माइक्रोन मोटी है. इसके बाद उन्होंने एक स्क्रीन प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इलेक्ट्रोड प्रिंट करने और सोलर सेल को पूरा करने के लिए किया है.

इस पॉइंट तक प्रिंटेड मॉड्यूल की थिंकनेस सिर्फ 15 माइक्रोन तक पहुंची है. जबकि एक इंसान का बाल 70 माइक्रोन तक मोटा होता है. हालांकि, इस अल्ट्रा-थिन फ्रीस्टैंडिंग मॉड्यूल का काम करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. 

कहां हो सकता है यूज

बहुत ज्यादा पतलने होने की वजह से ये आसानी से खराब या टूट सकते हैं. इस दिक्कत को दूर करने के लिए रिसर्चर्स ने एक स्पेशल फैब्रिक का इस्तेमाल किया है, जिसे Dyneema नाम से जाना जाता है. अभी इस मैटेरियल पर रिसर्चर्स काम कर रहे हैं. इसके पूरी तरह से विकसित होने पर इसका इस्तेमाल टेंट के कपड़ों में और दूसरे कई तरह से किया जा सकेगा. 

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