बजरंग पूनिया समेत कई नामचीन पहलवानों ने पिछले सप्ताह जंतर-मंतर पर धरना दिया था. पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कई संगीन आरोप लगाए थे. विनेश फोगाट ने तो बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि बृजभूषण शरण सिंह पहलवानों का यौन उत्पीड़न करते है. बाद में केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इस पूरे प्रकरण को लेकर खिलाड़ियों के साथ मीटिंग की थी.
सरकार ने पहलवानों को दी बड़ी राहत
उधर, इन पहलवानों को सरकार की तरफ से बड़ी राहत दी गई है. बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट समेत जाने-माने पहलवान 1 से 5 फरवरी के बीच होने वाले जाग्रेब ओपन ग्रांप्री में भाग ले पाएंगे. खेल मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार इस टीम में ओलंपिक रजत पदक विजेता रवि कुमार दहिया, अंशु मलिक और दीपक पूनिया भी शामिल हैं. विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस दौरे का पूरा खर्चा सरकार वहन करेगी. इस इवेंट में भारत की ओर से 55 सदस्यीय दल जाग्रेब जाएगा.
सरकार ने गठित की है निगरानी समिति
नवनियुक्त निगरानी समिति ने रैंकिंग सीरीज के इस पहले टूर्नामेंट के लिए 12 महिला, 11 ग्रीको रोमन और 13 पुरुष फ्रीस्टाइल पहलवानों को चुना है. आपको बता दें कि खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच के लिए इस सप्ताह के शुरू में 5 सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया था. इस समिति को डब्ल्यूएफआई के रोजमर्रा के काम को देखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
मेरीकॉम हैं समिति की अध्यक्ष
दिग्गज मुक्केबाज एमसी मेरीकॉम इस समिति की अध्यक्ष हैं. वहीं, पूर्व पहलवान योगेश्वर दत्त, पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी और मिशन ओलंपिक सेल की सदस्य तृप्ति मुरगुंडे, टॉप्स के पूर्व सीईओ राजगोपालन और भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) की पूर्व कार्यकारी निदेशक (खेल) राधिका श्रीमन इस समिति में शामिल हैं. पहलवानों ने हालांकि इस पर निराशा व्यक्त की है कि समिति का गठन करने से पहले उनकी राय नहीं ली गई.